Thursday, November 21, 2024
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जिस राजकुमारी की वजह से अटल बिहारी वाजपेयी रहे जिंदगी भर कुंवारे

SI News Today

Because of the “Rajkumari”, Atal Bihari Vajpayee lived a lifetime of bachelor.

   

कुछ रिश्ते इतने पवित्र होते हैं उनको कोई नाम नहीं दिया जा सकता। ऐसा ही एक अनूठा और प्यारा सा रिश्ता था भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और राजकुमारी कौल का जो उनके लम्बे समय तक उनके साथ थीं। अटल जी और राजकुमारी जी के बीच न जाने क्या था, लेमगर कोई इस रिश्ते को कोई भी नहीं जान पाया था, लेकिन हाँ इतना जरूर है कि अटल के लिए वो रिश्ता बहुत खास रिश्ता था, इसीलिए तो अटल जी अभी भी कुंवारे है।

40 के दशक में जब अटल बिहारी वाजपेयी युवा थे औऱ ग्वालियर में पढ़ाई कर रहे थे। उनके साथ एक लड़की भी पढ़ती थी जिसे सब राजकुमारी कौल के नाम से बुलाते थे। ये वो दौर था जब लड़का-लड़की का आपस में बात करना अच्छा नहीं माना जाता था, लेकिन अटल जी को राजकुमारी कौल बहुत ही खूबसूरत लगती थी और उनसे उनको प्रेम था। अटल जी अपने प्रेम को एक अंजाम तक पहुंचाना चाहते थे। आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक अटल ने खूबसूरत राजकुमारी को एक प्रेम पत्र लिखा था। वो पत्र उन्होंने लाइब्रेरी की एक किताब में रख दिया था, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। अटल जी का दिल टूट गया क्यूंकि राजकुमारी जी की तरफ से कोई जबाब नहीं आया था। अब अटल जी को समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करें?

अटल बिहारी जी के जीवन पर एक किताब लिखी गयी है जिसका नाम है- “अटल बिहारी वाजपेयी: ए मैन अॉफ ऑल सीजंस..” इसके लेखक और पत्रकार किंगशुक नाग ने इसमें उनके की प्रेम कहानी को बताया है। उन्होंने बताया है कि सुनीता बुद्धिराजा जो पब्लिक रिलेशन प्रोफेशनल थीं। उनके राजकुमारी कौल से अच्छे रिश्ते थे। राजकुमारी ने सुनीता को अपने और अटल के रिश्ते के बारे में बताया था।

सालों बाद जब राजकुमारी ने सुनीता को बातचीत में वो राज खोला था। उन्होंने बताया था कि अटल ने उनके लिए जो लव लेटर छोड़ा था। वो उनको मिल गया था। उसका जवाब भी राजकुमारी ने एक किताब में दिया था जो हां में था। लेकिन दुर्भाग्य से वो जवाब अटल तक पहुंच ही नहीं सका। इसी बीच उनके पिता जो बड़े सरकारी अफसर थे, उन्होंने उनकी शादी एक युवा कॉलेज टीचर ब्रिज नारायण कौल से कर दी थी।

किताब में राजकुमारी कौल के परिवार के एक करीबी ने बताया है कि वह अटल से बहुत प्यार करती थी और उनसे शादी भी करना चाहती थीं, लेकिन वो दोनों लोग अलग अलग जाति के थे । इसी बीच परिवार ने उनकी शादी ग्वालियर में कर दी। उन दिनों 1947 में बंटवारे का दंगा चल रहा था नहीं तो शादी दिल्ली में ही होनी थी।

अटल इस रिश्ते के टूटने से इतने बहुत ही ज्यादा दुखी थे और उन्होंने कभी शादी ही नहीं की। इसके बाद अटल ने अपना जीवन संघ सेवा और राजनीति में लगा दिया। अटल राजनीति में बहुत ही ज्यादा तरक्की करते गये और सांसद बन गये। कई सालों बाद फिर राजकुमारी कौल जो अब मिसेज ब्रिज नारायण कौल बन गई थीं और वो अपने पति के साथ दिल्ली आ गईं। उनके पति दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में फिलॉस्फी के प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए थे, यहीं उनकी मुलाकात अटल जी से दुबारा हुई।

इस समय अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री हो गए थें, ये वो दौर था जब मोरारजी देसाई की सरकार थी। उनको लुटियंस जोन में बंगला मिला था। उस समय अटल जी से मिलने बहुत लोग आये थे, लोगो को अक्सर कौल परिवार उसी बंगले में दिखता था। इसका मतलब ये था कि अटल जी के साथ ही कौल परिवार उनके बंगले में शिफ्ट हो गया था और ये सब एक साथ रहते थे। जब राजकुमारी कौल के पति की मौत हुई तब अटल जी ने बेटियों समेत पूरे परिवार को अपना लिया। हालांकि 2014 में मिसेज कौल ने भी अंतिम सांस ली। वो अंतिम सांस तक अटल के साथ ही रहीं। लेकिन अटल जी ने उनके साथ इस अनूठे रिश्ते को कभी नाम नहीं दिया।

सच में क्या कोई इतनी शिद्दत से अपने आपको और अपने प्यार को अपने दिल में संजो कर रख सकता है? किसी का तो पता नहीं मगर अटल जी उसके जिवंत उदाहरण हैं, जो व्यक्तिगत प्रेम और देश प्रेम दोनों को इतनी शिद्दत से निभा पाए।

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