अरबों रुपये के पीएनबी घोटोले के सामने आने के बाद केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा कदम उठाया है. नए कदम के तहत आरबीआई ने आयात के लिए बैंकों की तरफ से दिया जाने वाला गारंटी पत्र (एलओयू) और लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी) जारी किये जाने की सुविधा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. आरबीआई के इस कदम को बैंकों के साथ होने वाले धोखाखड़ी को रोकने के लिए उठाया है. आपको बता दें कि पिछले दिनों पीएनबी का 12,600 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का घोटाला सामने आया था. इस मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी आरोपी हैं.
50 करोड़ से ज्यादा के कर्ज के लिए पासपोर्ट जरूरी
ईडी और सीबीआई की शुरुआती जांच में सामने आया था कि नीरव मोदी ने इतनी बड़ी रकम का घोटाला एलओयू के माध्यम से ही किया था. इससे पहले वित्त मंत्रालय ने बैंकों को किसी भी बड़े फ्रॉड से बचाने के लिए 50 करोड़ या इससे ज्यादा का कर्ज लेने वालों को पासपोर्ट से जुड़ी तमाम जानकारियां देना जरूरी कर दिया गया है. इसके पीछे वित्त मंत्रालय का मानना है कि इससे फ्रॉड किए जाने की स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सकेगी.
कार्रवाई करने में मदद करेगा यह नियम
पार्सपोर्ट से संबंधित विवरण बैंकों को समय पर कार्रवाई करने में मदद करेगा और देश से भागने वाले आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को सूचित करेगा. वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा था कि यह साफ-सुधरी और उत्तरदायी बैंकिंग व्यवस्था की ओर अगला कदम है. 50 करोड़ या उससे अधिक के ऋण के लिए पासपोर्ट से जुड़े विवरण देना जरूरी है.
45 दिन में देना होगा विवरण
बैंकों को 50 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लेने वाले मौजूदा लेनदारों का पासपोर्ट विवरण 45 दिन के भीतर एकत्र करने के लिए कहा गया है. गौरतलब है कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या और जतिन मेहता जैसे बड़े डिफॉल्टर बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार हो गए हैं. नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक के साथ 12,600 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप है. पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को मंजूरी दी है.