Monday, December 16, 2024
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मोदी सरकार बनने के बाद से सात सीटें गंवा चुकी है बीजेपी, जानिए रिपोर्ट…

SI News Today

केंद्र में सरकार बनने के बाद चार साल के भीतर हुए उपचुनावों में बीजेपी के हाथ से सात सीटें निकल गईं। इनमें चार सीटों पर कांग्रेस, दो पर समाजवादी पार्टी और एक सीट पर लालू यादव की पार्टी राजद से बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी। जबकि तीन अन्य सीटें दूसरे कारणों से बीजेपी की झोली से निकल गई हैं। इसमें कैराना(यूपी), पालघर(महाराष्ट्र) में पार्टी के सांसदों के निधन के कारण खाली हैं तो गोंडिया(महाराष्ट्र) से बीजेपी सांसद नानाभाऊ पटेल इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इस प्रकार देखें तो अब बीजेपी के पास बहुमत के आंकड़े 272 से सिर्फ एक सीट ज्यादा 273 है, जबकि 2014 में बीजेपी के पास 282 सांसद थे।

2014 के बाद कहां-कहां गंवाई बीजेपी ने सीटः जब मोदी लहर पर सवार होकर केंद्र की सत्ता में पहुंचे तो उसके डेढ़ साल के भीतर ही मध्य प्रदेश से बड़ा झटका लगा। यहां पार्टी सांसद दिलीप सिंह की मौत पर खाली हुई रतलाम सीट के उपचुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी। यह हाल तब रहा जबकि 2014 में राज्य की 29 में से 27 सीटें बीजेपी को मिलीं थीं। इसके बाद दूसरा झटका पंजाब के गुरुदासपुर सीट पर लगा। जब बीजेपी अपने सांसद विनोद खन्ना के निधन पर भी सीट बचा नहीं पाई। उपचुनाव में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सुनील सिंह जाखड़ की जीत हुई। 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीट गंवाने वाली कांग्रेस ने इस साल हुए उपचुनाव में राजस्थान की दोनों सीटों अलवर और अजमेर पर कब्जा जमाया। राजस्थान की दोनों सीटें बीजपी सांसदों के निधन पर खाली हुईं थीं। और अब जाकर बीजेपी ने यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर सीट भी हीं बचा पाई।

वहीं बिहार में हुए अररिया लोकसभा सीट के उपचुनाव में भी बीजेपी को राजद से हार का सामना करना पड़ा। अपने सांसद तसलीमुद्दीन के निधन पर खाली हुई सीट को राजद ने बेटे को लड़ाकर सुरक्षित रखा। हालांकि बीजेपी ने सभी चुनाव नहीं हारे है। नोटबंदी के बाद हुए मध्य प्रदेश के शहडौल के नतीजे बीजेपी के पाले में गए थे। इसके अलावा मोदी की ओर से छोड़ी गई वड़ोदरा सीट, असम में सर्बानंद सोनवाल की सीट और महाराष्ट्र की सीटों के उपचुनाव में भी बीजेपी को जीत मिल चुकी है। गोपीनाथ मुंडे की मौत के बाद उनकी बेटी बीजेपी के टिकट पर बीड उपचुनाव जीत चुकी हैं।

कांग्रेस का शर्मनाक प्रदर्शनः लोकसभा उपचुनाव में शर्मनाक प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेसी नेताओं के चेहरे पर कोई गम नहीं दिख रहा है, बल्कि बीजेपी की हार पर पार्टी नेता गदगद हैं। कांग्रेस का दोनों सीटों रप वोट शेयर घट गया। 2014 में गोरखपुर में कांग्रेस ने 45 719 वोट और फूलपुर में 56 हजार 127 वोट मिले थे। जबकि उपचुनाव में दोनों सीटों पर कुल मिलाकर 20 हजार से भी कम वोट मिले। पार्टी के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने इसे प्रगतिशील ताकतों के एकजुट होने की जीत करार दिया। उन्होंने पार्टी के प्रदर्शन का बचाव करते हुए कहा कि जब कांग्रेस प्रत्याशी उतरे थे, तब बसपा ने सपा का समर्थन नहीं किया था, आखिर में बसपा ने समर्थन का ऐलान किया, तब तक देर हो चुकी थी।

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