पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर से भाजपा सांसद संजीव बालियान ने दलितों के ‘भारत बंद’ आंदोलन के दौरान राज्य में हुई हिंसा के लिए कथित तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि राज्य के पश्चिमी हिस्से में जो हिंसा हुई है, उसका आकलन करने में राज्य सरकार से चूक हुई है। आरोप लगाया कि खुफिया विभाग ने सही जानकारी नहीं दी, जबकि सरकार इन्हीं जानकारियों के आधार पर तैयारियां कर रही थी। रिपोर्ट के अनुसार भाजपा सांसद ने कहा है कि दलितों के आंदोलन में इतने लोग सड़कों पर होंगे इसका आकलन पूर्व में नहीं लगाया जा सका। प्रशासन ने भी पूरी तैयारी नहीं की। सांसद ने कहा है, ‘साफ हो चुका है कि इस आंदोलन में दलितों के साथ अन्य लोग भी सड़कों पर उतर आए थे। ऐसे लोगों को ट्रैक्टर के जरिए शहरों में लाया गया और आंदोलन के लिए भड़काया गया। इस दौरान दलित को भड़काने के लिए झूठ फैलाया गया। अराजक तत्वों ने कहा कि आरक्षण खत्म किया जा रहा है। इससे लोग खासे भड़क गए।’
संजीव बालियान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में आरक्षण से कोई मतलब नहीं था, लेकिन दलित आंदोलन के दिन जब मैं मुजफ्फरनगर पहुंचा तो हैरान हो गया। क्योंकि ज्यादातर लोगों का यही मानना था कि अनुसूचित जातियों का आरक्षण खत्म किया जा रहा है। 2 अप्रैल को हुई भारत बंद के दौरान हिंसा पर उन्होंने कहा कि बसपा के कुछ लोगों की गिरफ्तारियां हुई। मामले की बारीकी से जांच होने पर ही पता चलेगा कि इस हिंसा में कौन-कौन लोग शामिल थे।
बता दें कि एससी/एसटी कानून को कमजोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलितों द्वारा 2 अप्रैल (2018) को भारत बंद बुलाया गया था। इस दिन देशभर में हुए प्रदर्शन और आगजनी की खबरें मीडिया की सुर्खियों में बनी रहीं। कई राज्यों में करोड़ो की प्रोपर्टी जलकर खाक हो गई। सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। बड़ी तादाद में लोगों को गंभीर चोटें आईं। हिंसा की आग इतनी भड़क गई कि देशभर में कई लोगों की मौत हो गई।