राजस्थान के झुंझनू से सांसद संतोष अहलावत की बेटी गार्गी अहलावत अपनी शादी से पहले दूल्हे की तरह घोड़ी पर सवार देखी जा रही हैं। एक लड़की का दूल्हे की तरह बर्ताव लोगों को आश्चर्यचकित कर रहा है। सोशल मीडिया पर गार्गी का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक घोड़ी पर पगड़ी पहने हुए बैठी नजर आ रही हैं और उनकी सांसद मां समेत कई महिलाएं राजस्थानी लोकनृत्य का आनंद ले रही हैं। राजस्थान में दरअसल, शादी से पहले ‘बंदोरी’ नाम की एक रस्म निभाई जाती है। इसे बिंदोरी और बिनोरी भी कहा जाता है। इस रस्म को दूल्हा निभाता है। दूल्हे को घोड़ी या रथ पर बैठाकर मंदिर आदि जगह ले जाया जाता है। इस दौरान वर और वधु पक्ष के घरवाले और रिश्तेदार इकट्ठा होते हैं और जश्न मनाते हैं। सांसद की बेटी इस रस्म को निभाकर समाज के संदेश देना चाहती है कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है।
सांसद संतोष अहलावत ने मीडिया को बताया कि वह हमेशा से समाज में जागरुकता लाने की पहल चलाती आ रही हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी चाहती थी कि उसकी सांसद मां बेटा और बेटी को बराबरी का दर्जा दिलाने की मुहिम चलाए, इसलिए इसकी शुरुआत अपने घर से ही की। बेटी की शादी से पहले उसकी बिनोरी रस्म को उसे घोड़ी पर बैठाकर निभाया गया। संतोष अहलावत ने बताया कि उनकी बेटी को घोड़ी पर बैठा देखकर स्थानीय लोगों में भी भारी उल्लास दिखा। महिलाओं का उन्हें खूब साथ मिल रहा है और सभी ने संकल्प लिया है कि अब वे कभी भी बेटा और बेटी में फर्क नहीं करेंगी। संतोष अहलावत ने यह भी बताया कि जब उनकी पोती का जन्म हुआ तब उन्होंने अपनी पुत्रवधु की डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल चुना था ताकि आम लोगों में संदेश जा सके। उन्होंने कहा कि वह बहुत पहले से बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की मुहिम चला रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अपने बेटी गार्गी के साथ उन्होंने अपनी नन्हीं पोती को भी घोड़ी पर बैठाया।
गार्गी अहलावत ने ब्रिटेन से एमबीए की पढ़ाई की है। गार्गी ने बताया कि उसे इस मुहिम का हिस्सा बनकर बहुत खुशी हो रही है। गार्गी ने बताया कि उनके भाईयों और उनके बीच में कभी भेदभाव नहीं किया गया, जो करना चाहा, वो किया, उनकी पसंद का पूरा ख्याल रखा गया, इसलिए कभी इसका अहसास ही नहीं हुआ कि बेटा और बेटी में फर्क होता है। गार्गी की शादी दिल्ली के एक लड़के से 8 फरवरी को उदयपुर में होगी और 10 फरवरी को दिल्ली में रिसेप्शन होगा।