Monday, April 7, 2025
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हथेली पर अपनी जान रखकर, ऐसे जाते हैं बच्चे स्कूल

SI News Today

By keeping life on the palm, such children go to school.

   

भारत देश विकासशील तो है पर आज भी कई राज्य के लोग बुनियादी सुख-सुविधाओं से वंचित हैं और आज भी उससे जूझ रहें हैं। जहां तक बातहै सड़क और शिक्षा की तो राज्यों की स्थित कैसी और किस प्रकार की है, वो किसी से भी छुपी नही है। दरअसल देश आज भी कई राज्य ऐसे हैं, जहां पर शिक्षा ग्रहण करने हेतु बच्चों को नदियां और नालों को पार करके जाना पड़ रहा है।

बुनियादी कमियों से जूझ रहा है असम का दलगांव भी और यहां पर बच्चों को स्कूल जाने के लिए नदी पार करने के लिए एक नांव तक नसीब नही है। दलगांव में बच्चे स्कूल जाने के लिए अपनी जान हथेली पर रखते हैं और फिर केले के तने का सहारा लेते हैं। स्कूल जाने के लिए कंधों पर बस्ता टांग बच्चे पहले सड़क से नदी तक आते हैं और फिर केले के तने पर बैठकर आगे का रास्ता तय करते हैं।

बता दे कि केले के तने पर बैठकर बच्चों के स्कूल पहुंचने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ बच्चे केले के तने पर बैठकर पार कर रहे हैं तो कुछ माता-पिता बच्चों को कंधे पर बैठाकर स्कूल ले जाने के लिए मजबूर हैं। बच्चों के इस प्रकार से स्कूल जाते हुए देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

गौरतलब है कि असम में बच्चों के ऐसे स्कूल जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। कुछ समय पहले ही प्रदेश के विश्वनाथ जिले में नदी पार करने के लिए बच्चे अल्मुनियम के पतीले का सहारा ले रहे थे। इस वीडियो में बच्चे पतीले में बैठकर उसी में अपनी किताबों का बैग रखकर हाथ को पतवार की तरह चलाते हुए नदी पार करके स्कूल जाते हुए दिखाई दे रहे थे। इतना ही नही असम के कई जिलों में बच्चों के ऐसे स्कूल जाने का वीडियो सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की ओर अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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