सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर सवाल उठाने वाले 4 सीनियर जजों के बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उम्मीद है कि वह जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगाई, जस्टिस मदन भीमराव और जस्टिस कुरियन जोसेफ द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दे सकते हैं। उनके साथ अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल भी रहेंगे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले जस्टिस चेलामेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि न्यायपालिका के इतिहास में यह घटना ऐतिहासिक है। पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों को सामने आना पड़ा है। चेलामेश्वर ने कहा कि पिछले 2 महीने से सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है। चेलामेश्वर ने इस तरह चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज पर ही सवाल उठा दिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से बातचीत की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चेलामेश्वर ने कहा कि कुछ बातों हम लोगों ने पर चीफ जस्टिस से कहा कि चीजें सही से नहीं चल रही हैं और सुधार के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि हम कुछ खास मांगों को लेकर चीफ जस्टिस से मिले थे, लेकिन दुर्भाग्यवश हम यह साबित करने में असफल रहे कि हम सही हैं। इसलिए हमारे पास देश को जानकारी देने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। एेसा इसलिए ताकि इस संस्थान (सुप्रीम कोर्ट) की अहमियत बरकरार रखी जा सके।
उन्होंने कहा, ‘कल को कोई यह न कह दे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी है। ‘ जजों ने कहा कि जब तक इस संस्था को बचाया नहीं जा सकता, लोकतंत्र को नहीं बचाया जा सकता। चेलामेश्नवर ने कहा कि इस मामले पर उन्होंने चीफ जस्टिस को दो महीने पहले जो चिट्ठी लिखी थी, वह उसे सार्वजनिक करेंगे। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद ही पता लग सकेगा कि चार वरिष्ठ जजों और चीफ जस्टिस के बीच किन मुद्दों को लेकर मतभेद हैं। बता दें कि मीडिया में चीफ जस्टिस और चेलामेश्वर के मतभेद की खबरें आती रही हैं।