Monday, December 23, 2024
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डोकलाम विवाद पर चीन नाराज़, चीन ने कहा पिछली घटनाओ से सीख ले भारत

Chinese President Xi Jinping speaks at a U.S.-China business roundtable, comprised of U.S. and Chinese CEOs, Wednesday, Sept. 23, 2015, in Seattle. The Paulson Institute, in partnership with the China Council for the Promotion of International Trade, co-hosted the event. (AP Photo/Elaine Thompson, Pool)
SI News Today

चीन ने कहा है कि डोकलाम का संबंध चीन से है. चीन के लिए इसका ऐतिहासिक महत्व है. पिछले साल की घटनाओं से भारत को सीख लेनी चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले के बयान पर जवाब दे रही थी.

एक दिन पहले भारत के राजदूत ने कहा था कि भारत और चीन को आपस में ‘खुल कर बात करनी चाहिए’ ताकि भविष्य में डोकलाम जैसी तनाव की स्थिति फिर सामने ना आए.

जानकारी के मुताबिक इसी साल जून में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा पर जानेवाले हैं. पीएम मोदी जून की 9-10 तारीख को होने वाली शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन जाने वाले हैं.

न्यूज 18 में छपी खबर के मुताबिक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने कहा, ‘ डोकलाम में चीन की गतिविधियां हमारे सार्वभौमिक अधिकारों के भीतर हैं. यथास्थिति को बदलने जैसी कोई चीज नहीं है. पिछले साल चीन के ठोस प्रयासों की वजह से इस मुद्दे को हल किया गया. भारत को इसके लिए धन्यवाद देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष इस बात को समझेंगे. सीमावर्ती इलाकों में शांति की स्थिति बरकरार रहना दोनों देश के लिए ठीक है. इससे द्विपक्षीय संबंध ठीक बने रहेंगे.’

गौतम बंबावले ने कहा था चीन के कारण भारत को देना पड़ा था जवाब

हांगकांग स्थित दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट के लिए एक साक्षात्कार में भारत के राजदूत ने कहा था कि डोकलाम में चीन ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की, जो कि उसे नहीं करना चाहिए था.

उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे लगता है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच भी चर्चा शुरू होनी चाहिए जो अब तक पूरी तरह से नहीं शुरू हो पाई है. शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों को भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने की कोशिश करनी चाहिए डोकलाम में उठे तनाव की स्थिति के बारे में बंबावले ने कहा कि चीन ने इस इलाके की ‘यथास्थिति में बदलाव किए जिस कारण विवाद शुरू हुआ था और भारत को इसे ले कर अपनी प्रतिक्रिया देनी पड़ी थी.’

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