Thursday, November 28, 2024
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स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 – शहर को नंबर नहीं बल्कि स्टार रैंकिंग से आँका जायेगा

SI News Today

Clean Survey of 2019 – The city will no longer be judged by the number, but will be the star ranking.

   

इस बार कई बदलाव के साथ स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 की तैयारियां जोरो शोरों से शुरू हो गई हैं. अब तक स्वच्छता एप को आखिरी समय में डाउनलोड कराकर सर्वेक्षण में अंक हासिल कर लिए जाते थे. लेकिन इस बार एप डाउनलोड करने की तारीख के साथ ही एक्टिव यूजर की संख्या के आधार पर ही अंक दिए जाएंगे. यानि लगातार एप से शिकायत रजिस्टर होना, कार्रवाई फिर फीडबैक तक की पूरी प्रक्रिया नहीं होगी तो उसकी गणना नहीं की जाएगी.

वहीं, इस बार सर्वेक्षण में एक हजार अंक बढ़ाए गए हैं. जिसके बाद इन्हें पांच हजार कर दिया गया है. इन अंकों को चार भाग में बांटा है. सर्विस लेवल, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन, सिटीजन फीडबैक और सर्टिफिकेशन. जहां पहले स्वच्छ सर्वेक्षण में शहरों को नंबर देकर उनकी रैंकिंग तय की जाती थी, वहीं अब उन्हें स्टार रेटिंग दी जाएगी. जो शहरअधिकतम सात स्टार रेटिंग पाएगा वह सबसे साफ शहर होगा.

स्वच्छ भारत मिशन के विशेषज्ञों ने जानकारी देते हुए बताया कि जहां मकान, कॉम्प्लेक्स या और दूसरे निर्माण के काम हो रहे हों और वहां 25 श्रमिक कार्य कर रहे हैं तो उनके लिए एक शौचालय की व्यवस्था करनी होगी. किसी भी हालत में उन्हें खुले में शौच की अनुमति नहीं होगी. सर्वेक्षण में इनकी भी काउंटिंग की जाएगी.

गौरतलब है कि पूरे देश में 4 जनवरी से 31 जनवरी के बीच सभी शहरों में स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण कराया जाएगा. इस सर्वेक्षण का मुख्‍य उद्देश्‍य शहरों को कचरा और खुले में शौच से मुक्‍त कराने के प्रयास में व्‍यापक स्‍तर पर जन भागीदारी सुनिश्चित करना तथा समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए शहरों को जीने लायक बेहतर स्‍थान बनाने के प्रति जागरूकता पैदा करना है. वहीं पिछले चार वर्षों के दौरान स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत शहरों में साफ-सफाई की निगरानी करने के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव आया है. मंत्रालय अब साफ-सफाई के कार्यों का आकलन बनाए गए शौचालयों की संख्‍या के आधार पर नहीं बल्कि ऐसे वार्डों और शहरों की संख्‍या के आधार पर करता है, जहां शौचालय बनाए गए हैं. किसी शहर को ओडीएफ प्रमाण पत्र देने से पहले ओडीएफ के लिए तय प्रोटोकॉल का अनुपालन पूरी सख्‍ती के साथ किया जाता है. देश में अब तक 18 राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों के 3223 शहरों को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित किया गया है.

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