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सीएनजी-घरेलू गैस के लिए और खाली करनी होगी जेब, जानिए रिपोर्ट…

अगले महीने देश में घरेलू गैस के कीमत बढ़ने वाले हैं क्योंकि प्राकृतिक गैस की कीमत पिछले दो सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर जाने वाली है.

दरअसल, अप्रैल में हर 6 महीने पर होने वाली कीमतों की समीक्षा होनी है. मीडिया ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि प्राकृतिक गैस की वर्तमान कीमत 2.89 डॉलर से बढ़कर 3.06 एमबीटीयू (प्रति इकाई) डॉलर तक जाने वाली है. इसके पहले इससे ज्यादा कीमत (3.82 डॉलर) मार्च, 2016 में हुई थी.

सूत्रों ने कहा कि 3.06 डालर प्रति एमबीटीयू की दर एक अप्रैल से छह महीने के लिए लागू होगी. यह दर अप्रैल-सितंबर 2016 के बाद की उच्चतम होगी जबकि घरेलू उत्पादों को इसी दर से भुगतान किया गया था.

इससे पहले सरकार ने अक्तूबर 2017 से मार्च 2018 के लिए गैस कीमत को बढ़ाकर 2.89 डॉलर प्रति एमबीटीयू किया था. यह दर पूर्व छह महीने के लिए 2.48 डॉलर थी. इसी तरह आलोच्य अवधि की वृद्धि बीते तीन साल में पहली बढ़ोतरी रही.

बता दें कि प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ने के चलते बस घरेलू गैस की कीमत ही नहीं बढ़ेंगी, बल्कि यूरिया बनाने की लागत भी बढ़ेगी, सीएनजी और पीएनजी भी महंगे हो जाएंगे. इससे बिजली उत्पादन, यूरिया और पेट्रोकेमिकल के लिए फीडस्टॉक की लागत भी बढ़ेगी.

लेकिन इस बढ़ोत्तरी से गैस उत्पादक प्राइवेट और पब्लिक कंपनियों को फायदा होगा. गैस की कीमत में होने वाले प्रति डॉलर की वृद्धि से ओएनजीसी को सालाना 4 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई होगी.

एनडीए सरकार की नई मूल्य निर्धारण व्यवस्था के तहत गैस की कीमतों को हर 6 महीने पर बदला जाना है. इसका निर्धारण अमेरिका, रूस और कनाडा जैसे गैस सरप्लस बाजारों में गैस की कीमतों के हिसाब से होगा. भारत अपनी आधी गैस आयात करता है जिसकी लागत उसकी घरेलू दर से दोगुने से भी अधिक है.

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