आंध्र प्रदेश में राज्य को विशेष दर्जे की मांग को लेकर आहूत बंद के प्रभाव से सोमवार को जनजीवन थम गया। दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, जबकि आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की बसें सभी 13 जिलों में सड़कों से नदारद रहीं। बंद का आह्वान प्रत्येका होडा साधना समिति ( विशेष दर्जे को लेकर लोगों का फोरम) ने किया है और इस बंद का समर्थन विपक्षी पार्टियां वाईएसआर कांग्रेस, वामपंथी पार्टियां, कांग्रेस और जन सेना कर रही हैं। सत्तारूढ़ पार्टी तेलुगूदेशम (टीडीपी), जो विशेष दर्जे की मांग और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की मांग करती रही है, वह इस बंद में भाग नहीं ले रही है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं व कार्यकताओं ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया। ये लोग सुबह ही सड़कों पर उतर आएं और राज्य को विशेष दर्जा देने और आंध्र के विभाजन के समय किए गए अन्य वादों से मुकरने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़कें अवरुद्ध कर दी और एपीएसआरटीसी डिपो से बसों को बाहर आने नहीं दिया। तीनों क्षेत्रों – उत्तर व दक्षिण तटीय आंध्र और रायलसीमा में बस सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं।
विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, विशाखापत्तनम और राज्य के अन्य शहरों में बस अड्डों पर विरोध प्रदर्शन किए गए। कुछ जगहों पर पुलिस ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। साधना समिति के चलसानी श्रीनिवास ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से इनकार करने के विरोध में बंद का आह्वान किया गया है।