Delhi High Court: Pregnant women can not remain absent during class ...
अदालत ने गर्भावस्था के कारण कक्षाओं से अनुपस्थित रहने के लिए छात्रा को राहत देने से इनकार कर दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने गर्भावस्था के अंतिम दौर के कारण कक्षाओं से दूर रही दिल्ली यूनिवर्सिटी में कानून की सेकेंड ईयर की एक छात्रा को अटेंडेंस में किसी भी तरह की छूट देने से साफ इनकार कर दिया है.
जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि अदालत ने पाया कि एलएलबी विषय के चौथे सेमेस्टर की डेली क्लासों में उपस्थित होने के लिए छात्रा के पास उचित कारण है, इसके बावजूद बार काउंसिल ऑफ इंडिया के कानूनी शिक्षा नियमों से संबंधित प्रावधानों और हाईकोर्ट के पूर्व के फैसलों को देखते हुए उसे राहत नहीं दी जा सकती. अदालत ने कहा कि उपरोक्त कारणों को देखते हुए लंबित याचिका सहित रिट याचिका खारिज की जाती है.
अंकिता मीणा नाम की छात्रा ने अपनी याचिका में 16 मई से शुरू हो रही एलएलबी की चौथे सेमेस्टर की परीक्षा में हिस्सा लेने की मंजूरी के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय को निर्देश देने की मांग की थी. उसने कहा था कि गर्भावस्था के कारण वह जरूरी 70 प्रतिशत उपस्थिति हासिल नहीं कर पाई है.
विश्वविद्यालय के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि एलएलबी डिग्री पाठ्यक्रम एक पेशेवर विषय है और उसमें नियमित उपस्थिति जरूरी है. अदालत ने वकील के दावे से सहमती जताई कि एलएलबी एक विशेष पेशेवर विषय है, जहां बार काउंसिल के नियमों के तहत ढील नहीं दी जा सकती है.