Thursday, November 21, 2024
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DGPUP के निर्देश पर बनाये गए डिजिटल वॉलंटियर कोतवाली देहात कें ग्रुप में नही होती कोई कार्यवाही

SI News Today

Digital Volunteer Kotwali Dehaat created at the instructions of DGPUP, Action is Zero.

     

सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह नें उत्तर प्रदेश में हर थाने पर एक डिजिटल ग्रुप बनाने का आदेश दिया था, जिसे डिजिटल वॉलंटियर WhatsApp ग्रुप नाम सें जाना जाता है, जिससे थाना क्षेत्र में होने वाली फर्जी अफवाहों को रोका जा सके। तमाम कोशिशों के बावजूद भी इस तरह की घटनाएं सोशल मीडिया में वायरल कर कें जनता को गुमराह करनें का काम ग्रुप के सदस्य ही कर रहे हैं। जिस पर पुलिस की गोपनीय तरीके सें कार्यवाही होनी चाहिए थी। जनपद सुलतानपुर क्षेत्र कें कोतवाली देहात के पूर्व प्रभारी मधुकांत मिश्रा ही डिजिटल वॉलंटियर वाट्सअप ग्रुप के एडमिन बनाए गये थें। जिसमें उन्होंने एक फार्म वा एक फोटो प्रमाणित करा कर के थाने पर जमा कराया ताकि ग्रुप में सदस्य को शामिल किया जा सकें। जैसे एक ग्राम सभा के ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान, सेक्रेटरी, लेखपाल, शिक्षक, आर्मी रिटायर व पत्रकार को लोगो को शामिल किया जा सकें। जिसमें असमाजिक तत्व क्षेत्र में फर्जी तरीके से अफवाह फैला कर जनता को गलत तरीकें सें इस्तेमाल करते हैं। उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही कि जा सकें। ग्रुप कें माध्यम से ही जानकारी प्राप्त की जाए कि मामला सही तरीके से आया है कि नहीं। लेकिन पूर्व कोतवाली प्रभारी एडमिन बन कर तथा एक सप्ताह में फर्जी पुलिस वॉलंटियर ग्रुप कें एडमीन बना कर खुद तो लेफ्ट हो गए।

आखिर देखना यह हैं किं फर्जी ग्रुप एडमिन कें उपर कार्यवाही कौन करेगा? इसमें वर्तमान कोतवाली प्रभारी श्रवण कुमार द्विवेदी का कहना हैं कि इस ग्रुप कें मामले में जानकारी नही हैं, अगर ग्रुप बना हैं तो वो ग्रुप एडमीन बन जाएंगे। अब पुलिस के साथ क्षेत्र में हो रही घटनाओं की निगरानी डिजिटल वालंटियर ग्रुप भी करने का वादा किया गया था। इसके लिए हर थाना कोतवाली इससे जुड़े लोग क्षेत्र की गतिविधियों की जानकारी ग्रुप पर भेजते रहते हैं। इस ग्रुप से जुड़ने वाले लोगों को डिजिटल वालंटियर नाम दिया गया है। यह वालंटियर ग्रुप गोपनीय सूचनाएं इलाके के थानेदार को पर्सनल ग्रुप पर देंगे। इससे पुलिस का नेटवर्क मजबूत होता हैं। सोशल मीडिया के जरिये पुलिस थाना क्षेत्रों में रहने वाले रिटायर्ड फौजी, ग्राम प्रधान, व्यापारी समेत समाजसेवियों को डिजिटल वालंटियर का लाभ मिलेगा। थाना व कोतवाली स्तर पर ग्रुप बना हैं। इस ग्रुप का एडमिन पुलिस उपाधीक्षक, इंस्पेक्टर व थानाध्यक्ष को ग्रुप एडमीन बनाया जाना चाहिए था। जिसमे क्षेत्र में होने वाली घटनाएं पुलिस को सूचनाएं मिलने में आसानी होनी थी। एक साथ ग्रुप में 250 लोगो को ग्रुप में शामिल करना था। इससे सूचना तंत्र मजबूत वा क्षेत्र मे होने वाले फर्जी तरीकें सें खबर वायरल करने पर और अपराध नियंत्रण में मदद मिलनी थी। लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर एक सावाल खडा कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश कें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस द्वारा जनता को फर्जी तरीकें सें इस्तेमाल किया जा रहा हैं या जनता का सहयोग लेना ही नही चाहता हैं। आखिर में एक फरीयादी द्वारा जब सोशल मीडिया कें माध्यम सें धन उगाही का मामला प्रभारी महोदय को अवगत कराया गया, जिसका नम्बर 9889400101 मोबाइल नम्बर पर ग्रुप मे भेज कर थाना कोतवाली देहात सुलतानपुर की पुलिस दोपहिया वाहन चेकिंग के नाम पर कर रही अवैध वसूली व धनऊगाही। अगर सब कागजात सही है और हेलमेट नही लगाया है तो फिर गाड़ी का चालान पक्का है। खैर हेलमेट लगाना सुरक्षा के लिए बढिया है ।चालान का रूपया सरकार के कोष कम जेब मे ज्यादा ही जा रहा है। अब रहा सवाल कि कितने पुलिस वाले गाड़ी के कागजात व हेलमेट लगा कर चल रहे हैं। इसको तो आप लोग रोज देख रहे हैं। इनका वाहन कौन चेक करें ,,,? गजब का खेल हो रहा है हिन्दुस्तान में। कानून सब के लिए समान रूप से बना है ।यह वाहन चेकिंग का अभियान अपराधी पकडने के लिए लगता है या धनऊगाही करने के लिए ,,,,?आखिर वाहन चेकिंग का कोई समय है कि RTO की तरह जब मन में आये डण्डा लेकर सड़क पर आ गये। लेकिन मित्र पुलिस हैं की जानना ही नही चाहते कोई भी पुलिस अधिकारी ये नही जानना चाहता हैं धन उगाही किसने की,,,?

Reported By- शिव कुमार दूबें (पत्रकार) 

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