Disgraced TV anchor by telling Goth and Dalla in live TV show.
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ये क्या हो रहा है आज कल के नेताओं को को क्या हो गया है वो किस नशे में है, जो उनकी जबान कहीं भी फिसल जा रही है। कोई राह चलता आदमी कुछ गलत और बिना सोचे समझे बोले तो समझ में आता है, मगर कोई देश का जिम्मेदार आदमी खासकर वो किसी राष्ट्रीय पार्टी का सीनियर लीडर हो तो बात गले से नीचे नहीं उतरती। कल दो लोगों के बयान देखे गए खास बात ये रही कि इनमे से एक आदमी कोई नामी गिरामी नहीं था न तो कोई पॉलिटिकल चेहरा और दूसरे शख्श था एक राष्ट्रीय पार्टी का नामी चेहरा। दोनों में एक बात एक सामान थी वो ये कि इन दोनों ने देश के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता पर जमकर गालियां बरसाई। वो भी देशहित के लिए नहीं नहीं सिर्फ अपने निजी स्वार्थ को साधने के लिए, कि कुछ कैमरे उनके चेहरे को मीडिया में हाईलाइट कर सके। उनकी तस्वीर को काफी दिनों से मीडिया में नहीं देखा गया तो सोच समझकर ये रास्ता अख्तियार किया। हम बात कर रहे है कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन सोज की जो आजकल अपनी किताब और बयान से आये दिन कोई न कोई हंगामा खड़ा किये रहते है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफद्दीन सोज का विवादित बयान देने से परहेज नहीं कर रहे है। वरिष्ठ राजनेता सैफद्दीन सोज अपनी किताब Kashmir: Glimpses of History and the Story of Struggle में कश्मीर को लेकर इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं। इसके साथ ही कश्मीर जैसे संवेदनशील मसले पर विवादित बयान देने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। ऐसे ही एक बयान में सोज ने कहा था कि देश को एक सूत्र में बांधने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल कश्मरी को पाकिस्तान के हवाले करने के लिए तैयार थे, लेकिन हैदराबाद पर बात करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे। उनके इस बयान पर बवाल शुरू हो गया है। एक निजी टीवी चैनल ने कांग्रेस नेता से इस बयान पर प्रतिक्रया मांगी तो वह इतने नाराज हुए कि न्यूज चैनल के एंकर को ही दल्ला कह बैठे और लाइव डिबेट को बीच में ही छोड़ कर भाग गए। जब एकंर ने उनसे पूछा कि उन्होंने सरदार पटेल पर किन दस्तावेजों के आधार पर इतने गंभीर आरोप लगाये है? उन दस्तावेजों को सार्वजनिक तौर पर सामने रखें या उसके बारे में जानकारी दें। इस पर सैफुद्दीन सोज बेहद नाराज हो गए। सरदार पटेल पर लगाए गए आरोपों पर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा, आप बहुत जाहिल किस्म के आदमी हैं। आप ऐसे जता रहे हैं जैसे आपको पता ही नहीं सरदार पटेल कितने बड़े नेता थे। दफा हो जाओ यहां से मैं सरदार पटेल को उतना ही बड़ा लीडर मानता हूं जितना पंडित जवाहरलाल नेहरू को। ये कौन है, दल्ला कहीं का। यह कौन है जो मेरी बात नहीं सुन रहा, सिर्फ अपनी कह रहा है। यह कौन सा चैनल है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज द्वारा कश्मीर और पटेल को लेकर दिए गए बयानों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनके पुस्तक विमोचन समारोह में जाने से मना कर दिया था। कांग्रेस की ओर से सिर्फ जयराम रमेश इसमें शामिल हुए थे। सोज ने कहा, सरदार वल्लभभाई पटेल व्यावहारिक आदमी थे। वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान को कश्मीर देने के लिए तैयार थे, क्योंकि वह जंग टालना चाहते थे। उन्होंने लियाकत से ये भी कहा था कि हैदराबाद के बारे में नहीं, कश्मीर के बारे में बात करो। कश्मीर ले लो, हैदराबाद नहीं। सोज ने कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का भी जिक्र किया था। कांग्रेस नेता ने कहा था, मुशर्रफ कहते थे कि कश्मीरियों की पहली पसंद तो आजादी है। मुशर्रफ का बयान तब भी सही था और आज भी सही है। अपनी किताब के विमोचन समारोह में सोज ने कहा था, कश्मीर समस्या सुलझाने का एक ही रास्ता है कि सभी दल साथ आएं और बैठकर बात करें। आजादी कोई हल नहीं है। भारत के संविधान में कश्मीर को जगह मिलनी चाहिए। मुशर्रफ दोनों तरफ के कश्मीर की स्वायत्तता चाहते थे। खूनखराबा कश्मीर की समस्या को हल नहीं कर सकता। चाहे तो कश्मीरियों को मार दीजिए, लेकिन इससे समस्या सुलझ नहीं सकती। भाजपा ने उनके इस बयान की आलोचना की थी तो वहीं कांग्रेस ने सोज के बयान से दूरी बना ली थी।
#HTP ‘जाहिल/दफा हो जाओ/दल्ला’और भी जाने क्या नहीं कहा प्रो सोज़ @Saifuddinsoz_ ने!हमने तो सिर्फ ये पूछा कि वो दस्तावेज़ दिखा दें जिसके बिनाह पर वो कह रहे हैं कि सरदार पटेल तो कश्मीर को पाक को देना चाहते थे।”सोज़ के बिगडे बोल” ..उनका रवैया भी बेहद आपत्तिजनक रहा। @News18India pic.twitter.com/PED4ho07dA
— Sumit Awasthi (@awasthis) June 26, 2018