Emergency stain can never be erased from Congress's chest: Shivraj Singh
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आजादी के दौर में किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि आजादी मिलने के बाद जनता के साथ देश की सरकार ऐसा घृणित सलूक करेगी, जैसा कांग्रेस ने किया. आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने जुल्म की पराकाष्ठा की. लोकतंत्र का गला घोंटा गया. आपातकाल का दाग कांग्रेस के सीने से कभी मिट नहीं सकता.
आपातकाल की वर्षगांठ पर मंगलवार को लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उच्च न्यायालय द्वारा अयोग्य घोषित कर दिए जाने के बाद सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए आपातकाल थोपकर समूचे देश को एक कारागार में बदल दिया. उन्होंने कहा कि लाखों परिवार इस त्रासदी में दंडित हुए. परिवार उजड़ गए लेकिन उनकी स्वतंत्रता की अदम्य भावना को कांग्रेस कुचल नहीं सकी. 1977 में कांग्रेस को देश की जनता ने दंडित कर सत्ता से बेदखल कर दिया.
मुख्यमंत्री ने आप बीती सुनाते हुए पूरी घटना बताई कि किस तरह उन्हें आपातकाल में गिरफ्तार कर यातनाएं दी गईं. उन यातनाओं को याद करके आज शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है और बदली होते ही घुटने और शरीर के हर जोड़ में चीख पैदा होती है. स्वतंत्रता इस तरह के त्याग और तपस्या की अपेक्षा करती है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान करते हुए कहा कि मीसाबंदियों ने आपातकाल में जिस तरह अपना सर्वस्व दाव पर लगाकर दूसरी आजादी के लिए संघर्ष किया है. यह विश्व के लिए एक संदेश है. कांग्रेस ने लोकतंत्र को संवैधानिक तानाशाही में बदलकर देश को बंदी खाने में बदल दिया था जिसके विरोध में लोकतंत्र सेनानियों ने संघर्ष किया.
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि, देश के इतिहास में आपातकाल में तानाशाही के रूप में संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों के योगदान को स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा. सम्मान समारोह में संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद कैलाश सोनी, वरिष्ठ सेनानी मेघराज जैन, माखन सिंह चौहान, भरत चतुर्वेदी, प्रभाकर केलकर, शंकरलाल तिवारी, रामष्ण कुसमरिया सहित बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी उपस्थित थे. कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों का अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया. कार्यक्रम का संचालन लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक एवं आभार सामान्य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य ने माना.