प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (30 अप्रैल) नई दिल्ली में बुद्ध जयंती समारोह का उद्धाटन किया. इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय इंटरनेशलन बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन ( आईबीसी ) के साथ मिल किया जा रहा है. समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत जैसी विरासत की समृद्धि कहीं और देखने के नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि भारत से जितने भी धर्म निकले हैं सबके केंद्र में मानव कल्याण ही है. पीएम मोदी ने कहा कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद हमारी धरोहर बची हुई है. बौद्ध धर्म के अनुयायियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कभी कहा कि भारत की विचारधाराओं ने भावनाओं का अतिक्रमण नहीं किया. हम गर्व से ये बात कह सकते हैं कि हिंदुस्तान कभी भी आक्रांता नहीं रहा है. हमने कभी भी दूसरे की जमीन पर कब्जा नहीं किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो दूसरों के कष्ट और वेदना को अपना लेता है वह सिद्धार्थ से बुद्ध बन जाता है. उन्होंने कहा कि सत्य और करुणा का बोध ही बुद्ध बनाता है और हमारे अंदर बुद्ध जगाता है. उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, वर्ण के आधार पर भेद करना बुद्ध का संदेश नहीं है, समानता के भाव को जीना ही बुद्ध को जीना है. उन्होंने कहा कि समय की मांग है संकट से विश्व को बचाना है तो बुद्ध का संदेश सबसे उपयुक्त है.
बाबा साहब को भी किया याद
किसी भी जाति धर्म का हो उसे स्वीकारा गया.. कभी भी भेद भाव की कल्पना नहीं की…समता, समानता का भाव… बुद्ध विश्व भर के सर्वाधिक स्वीराय युक्त हो गए. इसलिए बाबा अंबेडकर भी बुद्ध की रास्ते पर चल पड़े. स्वंय को बदलना शुरू करो तुम भी बुद्ध बनना शुरू हो जाओगे. भीतर के युद्ध को जीतो .. तुम भी बुद्ध बनना शुरू हो जाओगे. स्वयं अपना प्रकाश अंदर खोजोगे को आप भी बुद्ध बनना शुरू हो जाओगे.
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा देश में हर व्यक्ति को अवसर व संसाधन मिलने चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार करूणा और सेवा के रास्ते पर चल रही है जिसे बुद्ध ने दिखाया है. इस दौरान उन्होंने गरीबों और वंचितों के लिए शुरू की गई अपनी सरकार की योजनाओं को गिनाया. पीएम मोदी ने कहा कि कठिनाइयां कैसे कम हों, हम उसे प्राथमिकता देंते हैं.
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हो रहे इस समारोह के दौरान पीएम मोदी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति पवित्र अवशेषों के दर्शन करेंगे, जिन्हें खासतौर से समारोह के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय से इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम लाया गया है. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 2015 में बुद्ध जयंती दिवस को राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की थी.