Flight attendant death case: Mother-in-laws not found by Supreme Court, bail hearing one day after hearing.
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एयर होस्टेस अनिसिया बत्रा खुदकुशी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला काफी गंभीर है। गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य खुलकर सामने आए हैं, जिन्हें आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
एयर होस्टेस अनिसिया बत्रा की खुदकुशी के मामले में उसके ससुर आरएस सिंघवी और सास सुषमा सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने सास और ससुर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए सभी पहलूओं का जिक्र करते हुए कहा है कि जांच के लिए 10 दिनों का और समय दिया जाता है। इसलिए ही अब इस मामले की सुनवाई 10 के बाद होगी।
बता दे कि पिछले 20 जुलाई को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने अनिसिया बत्रा के सास-ससुर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आरोप गंभीर हैं और जांच महत्वपूर्ण चरण में है। यही वजह है जिसके चलते इन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है।
जहां बत्रा जर्मन एयरलाइन के लिए काम करती थी। वहीं उन्होंने 13 जुलाई को दक्षिण दिल्ली के पंचशील पार्क इलाके में अपने घर की छत से कथित रूप से छलांग लगा दी थी, जिसके बाद मयंक सिंघवी उन्हें नजदीकी अस्पताल लेकर गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बत्रा के परिवार ने आरोप लगाया था कि उनका पति उन्हें शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करता था और अक्सर उनसे पैसे मांगता था। परिवार ने निचली अदालत में दावा किया है कि यह खुदकुशी नहीं बल्कि हत्या है। उधर, मयंक के माता-पिता ने यह दावा करते हुए अग्रिम जमानत मांगी थी कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है और उनके बेटे और बहू में विवाद उनका अंदरूनी मामला है।