From where Atal ji and Advani met first time
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प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्णआडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की थी. दोनों ने RSS के प्रचारक के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. अटल जी और लालकृष्ण आडवाणी दोनों ही पत्रकारिकता से जुड़े हुए थे. जहां अटल जी अपने भाषण के दम पर राजनीति में बहुत ही तेजी से जगह बना रहे थे तो वहीँ आडवाणी राजस्थान के कोटा में संघ के प्रचारक के तौर पर काम रहे थे.
वाजपेयी और आडवाणी की मुलाकात
यह उन दिनों की बात है जब अटल जी एक बार सहयोगी के तौर पर पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ ट्रेन से मुंबई जा रहे थे. मुखर्जी कश्मीर के मुद्दे पर पूरे देश का दौरा कर रहे थे. लालकृष्ण आडवाणी कोटा में प्रचारक थे. उनको पता लगा कि उपाध्याय जी इस स्टेशन से गुजरने वाले हैं तो वह मिलने आ गये. वहीं पर मुखर्जी ने दोनों की मुलाकात करवाई थी. जिसके बाद दोनों नेताओं ने 1977 में भी जनता पार्टी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था. 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर गठित हुए मंत्रिमंडल में आडवाणी ने गृह मंत्री की भूमिका निभाई थी.
आडवाणी ने एक इंटरव्यू में बताया था, अटलजी जब प्रधानमंत्री थे तब अगर कोई उनसे सरकार या पार्टी के बारे में कुछ बात करने आता था तो वो बोलते थे, आडवाणी जी से बात हो गई? कर लो एक बार. एक बार आडवाणी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न देने की भी मांग की थी. इस पत्र में 10 बिंदु भी रखे थे जिसमें उन्होंने बताया था कि वाजपेयी को भारत रत्न क्यों दिया जाना चाहिए. वही एक आडवाणी ने इंटरव्यू में बताया था कि दिल्ली के रिवोली और रीगल सिनेमा हॉल के बीच में बैठे गोलगप्पे वालों के पास जाकर दोनों नेता चाट खाते थे.