वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को केंद्रीय बजट 2018 पेश किया। बजट में नौकरियों को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इनके बारे में। बजट भाषण में 70 लाख नई नौकरियां पैदा करने की बात वित्त मंत्री ने कही है। उन्होंने कहा कि इस बजट में नौकरियां पैदा करने की क्षमता है और रोजगार बढ़ाने के ज्यादा मौकों पर ध्यान दिया जाएगा। टेक्सटाइल, लेबर और फुटवियर क्षेत्र में 50 लाख युवाओं को 2020 तक प्रशिक्षण दिए जाने की बात भी वित्त मंत्री ने कही। साथ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के ईपीएफ योगदान पर भी उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणा की। फॉर्मल सेक्टर में रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार नए कर्मचारियों के ईपीएफ में 12 फीसद का अंशदान, अगामी तीन वर्षों तक करेगी।
ईपीएफ में महिला कर्मचारियों द्वारा दिए गए योगदान को 12 फीसद से कम कर 8 फीसद पर लाने का ऐलान भी किया। साथ ही मेटर्निटी लीव को 12 सप्ताह से 26 सप्ताह का किया गया है। स्टार्ट-अप इंडिया का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि तीन साल पहले शुरू की गई इस योजना के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। बजट में छोटे उद्योगों के लिए 3794 करोड़ खर्च करने की योजना है। साथ ही मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ के फंड का ऐलान किया गया है जिससे लोगों को अपना कारोबार शुरू करने में आर्थिक मदद मिल सके।
सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, ग्रॉस डिडक्शन स्कीम को दोबारा लाया गया है। इस स्कीम के मुताबिक, नौकरीपेशा लोगों को ट्रांसपोर्ट और मेडिकल खर्च के मद में ग्रॉस सैलरी से 40 हजार रुपये घटाकर उस आमदनी पर टैक्स देना होगा। सरकार ने इनकम टैक्स पर सेस बढ़ाने का भी प्रावधान किया है। आम उम्मीदों से उलट सरकार ने टैक्स के मोर्चे पर कोई विशेष छूट नहीं दी है।