Thursday, November 21, 2024
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न मुहर्त, न सिंघोरा, न हुए फेरे ,फिर भी हुई शादी

SI News Today

गोरखपुर : सीएम का अनोखा सामूहिक विवाह। सीएम के कार्यक्रम में बिना फेरो के हुई शादी।जी हां सुन कर थोड़ा आपको अजीम जरुर लग रहा होगा। लेकिन ये सच है।चूँकि बजट वापस न चला जाए, इसलिए गोरखपुर के जिला प्रशासन ने आनन फानन में खरमाँस में ही ये शादी कर अपने जिम्मेदारियों को निभा लिया, और इस खरवास में उनकी शादी करा दीऔर इस कार्यक्रम में गोरखपुर के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह के साथ गोरखपुर के विधायक भी मौजूद थे।

गोरखपुर में हो रहे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का कार्यक्रम आज हुआ और इस कार्यक्रम में प्रशासन ने पहले तो 150 की संख्या में जोड़ो के आने की बात कही। लेकिन कल ये संख्या घाट कर 110 तक आ गई और आज सुभ ये 102 पर सिमट गई, लेकिन कार्यक्रम शुरू होते होते। महज 92 पर ही रुक गई, जिसमे 8 मुस्लिम जोड़े, और बाकी हिन्दू जोड़े मौजूद थे। इस कार्यक्रम में प्रतेक जोड़े को नगद के रूप में उनके खाते में 20 हजार रूपये और 10 हजार गृहस्ती के समान और फुल माला व् टेंट पर 5 हजार रूपये दर्शाए गए है, साथ ही पंडाल में बैठे इस 92 जोड़े  अलग अलग ब्लाको से आये हुए थे। जिन्हें महज कुछ ही दिनों पहले इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई थी और प्रतेक जोड़े के साथ उनके परिवार के लोग 2 से चार की संख्या में आये हुए थे। तपती धुप के बीच विवाह का कार्यक्रम संपन्न कराया गया।

लेकिन ये विवाह कार्यक्रम महज दिखावा बन कर रहा गया। क्योकि न तो इस कार्यक्रम में हवन ककुण्ड नजर आया, और न ही शादी के लिए प्रतेक दुल्हे के पास पंडित, एक पंडित और एक मौलवी ने पूरी शादी को संपन्न कराई, क्योकि खरवास था।

इसलिए ये शादी महज रजिस्ट्रेशन आफिस बन कर ही रहा गया, केवल इस पांडाल में दुल्हे दुल्हन एक दुसरे को वरमाला पहनाये, और फिर उन्हें प्रभारी मंत्री ने फूलो की वर्षा कर उन्हें आशीर्वाद दिया, और हो गई शादी, हां ये जरुर है, कि सभी जोड़ो को एक प्रमाण पात्र जरुर दिया जाएगा। जिससे वो प्रमाणित हो सके की उनकी शादी हो गई है। लेकिन इस तरह की शादी पहली बार जरुर कह सकते है। क्योकि इससे पहले खरवास में कभी शादी नहीं हुई और बिना फेरो के ये पहली शादी होगी |

इस कार्यक्रम को लेकर प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है। उत्तर प्रदेश में पहली बार इस तरह का कार्यक्रम गोरखपुर में संपन्न हो रहा है और ये कार्यक्रम बहुत पवित्र है, बेटी हिन्दू की हो या मुसलमान की हो, बेटियों सम्मान है।इसलिए योगी आदित्यनाथ जी ने सामूहिक विवाह के माध्यम से ये कार्यक्रम हुआ है और बेटिया किसी के लिए वजन न बने। बेटी के हाथ पीले करने के लिए बाप को कही दौड़ना न पड़े।इसलिए ये सामूहिक पवित्र विवाह कार्यक्रम को संपन्न कराया गया, बीना फेरे को लेकर जब सवाल किया गया।तो मंत्री जी ने कहा, कि पंडित जी भी बैठे है, मौलवी साहब भी बैठे है। सहनाईया बज रही है। तो बहुत अच्छा कार्यक्रम है |

वही इस विवाह कार्यक्रम में आये हिन्दू जोड़े और मुस्लिम जोड़े काफी खुश नजर आये, क्योकि इस तरह के कार्यक्रम का हिस्सा बनने की उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, और आज ये यहा आये अपने जीवन की शुरुवात करने के लिए और अपने जीवनसाथी को इस कार्यक्रम के जरिये पाया, और एक दूजे को हो लिए। इन्हें आज इस शादी समारोह के दौरान 20 हजार नगद खाते में 10 हजार गृहस्थी के सामान दिया गया। ये आज बहुत खुश है और अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दे रहे है, और अपने को भाग्यशाली मान रहे है |

तमाम अलग अलग तपके के लोग इस कार्यक्रम एम् नजर आये। कोई कारपेंटर तो कोई पेंटिंग का काम करता है। और किसी ने भी इस तरह के शादी की कल्पना नहीं की थी।इसी में एक विकलां जोड़ी भी नजर आये, दुल्हा पैर से थोड़ा विकलांग था, तो दुल्हन के दोनों पैर एक दुर्घटना में कट गए थे, बावजूद इसके इन दोनों ने एक दुसरे का हाथ पकड़ कर जीवन भर एक दूजे के होने के लिए इस विवाह कार्यक्रम में आये, और एक दूजे के हो लिए |

इस विवाह समारोह पर बीजेपी के विधयाक फतेहबहादुर सिंह ने भी सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें आज ही इस समारोह की जानकारी हुई है। शासन स्तर से इसकी जानकारी जरूर की जाएगी इस माह में शादी क्यों आयोजित की गई। समाज के विद्वान तबके से आने वाले ज्योतिषी पंडित चंद्रभूषण त्रिपाठी ने कहा कि,  खरमास में भागवत और यग्योपवीत जैसे संस्कार हो सकते हैं विवाह जैसा शुभ कार्य तो किसी सूरत में नहीं हो सकता। जो लोग ऐसा कर रहे हैं उनके पास हो सकता है ज्ञान का अपार भंडार हो, लेकिन हिंदू धर्म में यह संभव नहीं है।

समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रहलाद यादव  और सपा प्रवक्ता  कीर्ति निधि पांडेय इस सामूहिक विवाह योजना में बड़ा घोटाला होने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि मार्च का महीना शासन से जिलों को विभिन्न मदों में प्राप्त बजट को खर्च करने का होता है ।समाज कल्याण विभाग अपने विभाग का बजट शासन को वापस ना हो उसके डर से आनन फानन में विवाह योजना के माध्यम से खर्च करने का प्लान बना दिया। सपा जिलाध्यक्ष ने करीब 10 लाख रुपए का मिनिमम घोटाला शादी समारोह में माना है। उन्होंने कहा जिस प्रदेश का मुखिया हिंदू धर्म को मानने वाला हो। जिसके देखरेख में कई धार्मिक कार्य होते हों। गोरखपुर में होली की तिथि बदल दी जाती हो। दीपावली की तिथि बदल दी जाती हो। हिंदुओं की दशा और दिशा तय की जाती हो। ऐसे मुख्यमंत्री और उसके नाम पर चलाई जाने वाली योजना का तिथि भी बदल दिया जाना चाहिए था। BJP की सरकार में हिंदू धर्म के गरीब जोड़ों के साथ यह बहुत ही बड़ा अन्याय है। ईश्वर करें ऐसे जोड़ो की शादी अपने सफलता को प्राप्त करें लेकिन खरमास में इनका विवाह कहीं से भी उचित नहीं है। साथ ही कांग्रेश के वरिष्ठ नेता संजय निषाद ने भी बीजेपी के इस कार्यक्रम को लेकर कटाक्ष कसा और कहा की, कि हिन्दू रीतो रिवाज में एसा नहीं होता है, और ये गलत है |

इस कार्यक्रम प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह मुख्यअतिथि के रूप में मौजूद रहे, तो गोरखपुर के सभी विधायक भी मंचासीन रहे, और इस कार्यक्रम में आने वाले जोड़े काफी खुस नजर आये, उन्हें इस बात का तनिक भी इल्म नहीं कि खरवास में उन्हें ये शादी करनी पड रही है, वो भी बिना फेरो के, लेकिन मरता क्या न करता, क्योकि इनके पास शादी करने के लिए पैसे नहीं थे, सो खरवास ही सही कम से कम बिना पैसे के शादी भी हो गई, और कुछ पैसों के साथ कुछ सामान भी मिल गए, लेकिन कही न कही जिला प्रशासन को इस बात पर ध्यान देना चाहिए था |

गोरखपुर मंडल के लिए – सुनील पांडेय

 

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