वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत फरवरी में कुल राजस्व संग्रह 89,264 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले महीने से 1,217 करोड़ रुपये ज्यादा है. वित्त सचिव हसमुख अधिया ने सोमवार को यह जानकारी दी. पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय ने फरवरी के जीएसटी संग्रहण के शुरुआती आंकड़े पेश किए थे, जिनमें जनवरी की तुलना में 1,144 करोड़ की कमी दर्ज की गई थी. उन आंकड़ों के अनुसार फरवरी में राजस्व संग्रह 85,174 करोड़ रुपये था.
हसमुख अधिया ने कहा, ‘आमतौर पर ये आंकड़े हर माह की 24 और 26 तारीख को जारी किए जाते हैं, लेकिन वित्त वर्ष के अंतिम माह के आंकड़े प्रारंभिक आंकड़ों से कुछ हजार करोड़ ज्यादा हो जाते हैं.’ उन्होंने कहा कि फरवरी के जीएसटी संग्रह (मार्च में एकत्रित किया गया) औसत कोष में वृद्धि दर्शाता है. अब हम 90,000 करोड़ के आंकड़े पर हैं. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में जीएसटी संग्रह 88,047 करोड़ रहा था, वहीं दिसंबर में यह 88,929 करोड़ रहा था.
वित्त सचिव ने कहा कि फरवरी में बढ़े संग्रह के लिए जीएसटी का अनुपालन बढ़ने को और वित्त वर्ष का आखिरी महीना होने के कारण लोगों में पिछले सभी बकाया करों को जमा करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि राजस्व के हिसाब से यह वर्ष अनियमितताओं से भरा होने के बावजूद सरकार इस वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर लक्ष्यों को पूरा करने में कामयाब रही.
उन्होंने कहा कि हम अगले वित्त लक्ष्य के लिए आश्वस्त हैं. वित्त सचिव ने ई-वे बिल की शुरुआत को बहुत सफल बताते हुए कहा कि इस दर पर सरकार जल्द ही वस्तुओं के लिए एक राज्यस्तरीय अभियान चलाएगी. उन्होंने कहा, “हम 15 अप्रैल से राज्यों के पहले समूह के लिए एक राज्यस्तरीय ई-वे बिल शुरू करने की योजना बना रहे हैं. इसके बाद अन्य समूहों के राज्यों को प्रत्येक सप्ताह जोड़ा जाएगा.”