भारत ने आर्थिक फ्रंट पर जो फैसले लिए हैं, उनका फल अच्छा रहा है और अगर देश इसी राह पर चला तो इसकी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. ऐसा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कहना है. आईएमएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर नीतियों का सही प्रबंधन कर लिया गया और सुधारों से समावेशी वृद्धि को बल मिला तो भारत मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है.
आईएमएफ में उप प्रबंध निदेशक प्रथम डेविड लिप्टन ने ये बात कही. उन्होंने कहा, ‘अगर नीतियों का सही प्रबंधन कर लिया जाता है और सुधारों से समावेशी वृद्धि को बल मिलता है तो भारत की अर्थव्यवस्था एक मजबूत अर्थव्यवस्था बन सकती है. यह पहले ही मेरे हिसाब से 10 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन जनसंख्या व वृद्धि दर के हिसाब से इसमें और अधिक संभावनाए हैं.’
इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत की वृद्धि का असर गरीबी में कमी के आंकड़ों में दिखेगा.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि अभी बहुत कुछ किया जाना है. ताकि बैंकिंग प्रणाली को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाए रखने तथा एनपीए की पुरानी समस्या से निपटने को लेकर कभी कोई संशय नहीं हो.’
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों के परिणाम सामने आने लगे हैं और इससे लोगों को फायदा भी हुआ है. इससे इस तरह के और कदम उठाने का आधार मजबूत हुआ है.