In Karnataka, BJP could win with absolute majority, but how?
#CongressDefeatsBJP #BSYeddyurappa #KarnatakaLesson #Karnataka @BJP4Karnataka
कर्नाटक में बीजेपी अगर येदियुरप्पा की जगह किसी साफ छवि वाले व्यक्ति को CM उम्मीदवार बनाती तो शायद वो पूर्ण बहुमत जीत सकती थी। येदियुरप्पा के पिछले कार्यकाल में जितने भी दाग लगे वो न तो मोदी जी अपनी रैलियों से साफ़ कर सकते थे और न ही अमित शाह अपनी राजीनीतिक कुशलता से। बहुत कुछ यही सब कारण रहे जिससे बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा नहीं मिल सका। साथ ही कर्नाटक की राजनीती में धर्म और संप्रदाय का जमकर सहारा लिया गया कि किसी तरह कर्नाटक को जीत लिया जाय, मगर बीजेपी ने अपने इस चुनावी दौर में 24% से ज्यादा ऐसे दागियों को टिकट दे दिया जिनपर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे थे। दलितों को बहलाने के लिए उनके घर खाना खाने कि रणनीति भी काम नहीं आई, मठों पर असर डालने के लिए योगी आदित्यनाथ का सहारा लिया गया।
ये सब करने के बजाय अगर बीजेपी अपने संगठन के जरिए कर्णाटक कि जनता कि मूलभूत आवश्यकताओं को जानने कि कोशिश कि होती तो शायद जनता उन्हें अपने सत्ता की चाभी पूर्ण बहुमत से सौंप चुकी होती और उन्हें ये अपमान न झकना पड़ता।
आइये जानते बीजेपी के CM दावेदार रहे बी एस येदियुरप्पा के बारे में..
येदियुरप्पा राजनीति में आने से पहले चावल मिल में क्लर्क थे. प्रदेश के मांड्या जिले के बुकानाकेरे में सिद्धलिंगप्पा और पुत्तथयम्मा के घर 27 फरवरी 1943 को जन्मे येदियुरप्पा ने चार साल की उम्र में अपनी मां को खो दिया था. 1972 में उन्हें शिकारीपुरा तालुका जनसंघ का अध्यक्ष चुना गया और उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया. 1977 में जनता पार्टी के सचिव पद पर काबिज होने के साथ राजनीति में उनका कद और बढ़ गया. और फिर साल 2008 में उन्होंने दक्षिण में कमल खिला दिया. उनके नेतृत्व में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में ज़बरदस्त जीत हासिल की. और येदियुरप्पा सीएम की कुर्सी पर बैठे. अवैध खनन पर लोकायुक्त की रिपोर्ट में दोषी करार दिये जाने के बाद तकरीबन 3 साल बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. हमेशा सफेद सफारी सूट में नजर आने वाले येदियुरप्पा नवम्बर 2007 में जनता दल (एस) के साथ गठबंधन सरकार गिरने से पहले भी कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री रहे थे.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को विशेष लोकायुक्त अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद 22 अक्टूबर २०१७ तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था और उनको बैंगलोर सेंट्रल जेल भेजा गया। इससे पहले, विशेष लोकायुक्त कोर्ट ने अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया और उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।न्यायमूर्ति एन के सुधींद्र राव द्वारा आदेश पारित किए जाने के बाद येदियुरप्पा के पूर्व कैबिनेट सहयोगी A N N कृष्ण्या सेटी, जो आरोपी थे, अदालत में उपस्थित थे। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक संरक्षक को भेजा गया।
बीजेपी ने कहा था कि यह उनकी पार्टी के लिए एक “बुरा दिन” है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायिक कस्टर्डी भेजा गया था, इसलिए वरिष्ठ बीजेपी पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी की विकास रथ यात्रा राज्य के अंदर से नहीं जाएगी। कर्नाटक भाजपा प्रमुख
K S ईश्वरप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि- “यह विकास रथ यात्रा आडवाणी की भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा को प्रभावित नहीं करेगा, जो 30 अक्टूबर और 31 अक्टूबर को राज्य के माध्यम से गुजरने के लिए तैयार है।”