राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि भैंस और जर्सी गाय का दूध पीने से युवाओं में अपराध की प्रवृति बढ़ रही है। संघ नेता के मुताबिक इन जानवरों का दूध तामसी प्रकृति का होता है। आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक शंकर लाल ने कहा कि जर्सी गाय के दूध से क्रोध पनपता है, सहनशीलता खत्म होती नतीजतन अपराध बढ़ते हैं। संघ प्रचारक का मानना है कि गाय का दूध सात्विक शक्ति प्रदान करता है इससे अपराध में कमी आती है। शंकर लाल ने कहा कि गाय का मतलब भारतीय गाय से हैं। शंकर लाल के मुताबिक भारतीय गायों में कंधा होता है, उसकी सींग होती है, पीठ पीछे उठी होती है।
संघ प्रचारक ने कहा कि भारतीय गाय की चमड़ी पतली और सुंदर होती है। जबकि विदेशी जर्सी गायों की चमड़ी मोटी और भद्दी होती है। नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस प्रचारक ने दावा किया कि भारतीय गाय के पेट में चार चेंबर होते हैं, जबकि विदेशी गायों के पेट में चीन। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय गाय गलती से भी विष खा ले तो वह उसके दूध, घी, गोमूत्र और गोबर में नहीं जाता है। इसलिए बाइबल, कुरान समेत दूसरे ग्रंथों में गौ मांस निषेध है।
संघ का कहना है कि गाय के जरिये अपराध मुक्त भारत की कल्पना की जा रही है। उन्होंने कहा कि गाय प्रदूषण हटाने में भी सहायक है। संघ नेता का दावा है कि 1 ग्राम घी का दीया जलाने से सौ किलो ऑक्सीजन तैयार होता है। उन्होंने यह भी कहा कि तुलसी के आगे घी का दीया जलाने से ओजोन गैस बनती है। शंकर लाल ने यह भी कहा कि अगर बीमार व्यक्ति के आगे घी का दीया जलाया जाए तो उसे ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। संघ का कहना है कि गायों को रोजगार से पक्के रूप से जोड़ने की योजना है। संघ नेता का दावा है कि 1 एकड़ जमीन और एक गाय से महीने भर में 50 हजार रुपये की आमदनी हो सकती है। संघ के मुताबिक लोगों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। संघ ने कहा कि वे लोग 31 मार्च को गौ जप महायज्ञ करने जा रहे हैं।