Indian documents only found Mehul Choksi citizenship: Antigua claims
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पीएनबी घोटाला मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने एंटीगुआ प्राधिकरण के बयान पर स्पष्टीकरण पेश किया है. पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को नागरिकता देने पर एंटीगुआ और बारबूडा सरकार ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को क्लीन चिट दे दी थी उसके बाद ही उसे नागरिकता दी गई है. एंटीगुआ का कहना है कि भारत सरकार से चोकसी के खिलाफ कोई सूचना नहीं थी, यहां तक की सेबी ने भी चोकसी के नाम पर मंजूरी दी थी.
CIU के मुताबिक ‘2017 में मेहुल चोकसी की तरफ से एंटीगुआ और बारबुडा की CIU इकाई के निवेश अधिनियम 2013 की धारा 5 (2) (बी) तहत सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया गया था.’ CIU ने कहा, ‘चोकसी के आवेदन पत्र के बाद CIU ने भारत से जानकारी मांगी. जिसके जवाब में भारत सरकार के विदेश मामलों के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने यह स्पष्ट किया था कि मेहुल चोकसी के खिलाफ कोई प्रतिकूल जानकारी नहीं है, जिससे उनके एंटीगुआ और बारबूडा के लिए वीजा समेत अन्य यात्रा सुविधाओं को प्राप्त करने में बाधा बने.’
अधिकारियों के मुताबिक, सेबी ने भी चोकसी के बारे में अनुकूल जवाब मिला था. CIU ने कहा, ‘सेबी ने सीआईयू को 2014 और 2017 के दो मामलों के दस्तावेज सौंपे जो चोकसी से संबंधित थे. जिसमें से एक मामले को संतोषजनक रूप से बंद कर दिया गया था और दूसरे मामले को सबूत के अभाव में आगे बढ़ाने से रोक दिया गया था. साथ ही वर्तमान के पीएनबी घोटाले का भी दोनों मामलों से कोई संबंध नहीं है. यह भी पाया गया कि 2016 में गैर-जमानती वारंट को भी खत्म कर दिया गया था.’ हालांकि सेबी का कहना है कि उन्होंने एंटीगुआ को किसी प्रकार के दस्तावेज नहीं सौंपे हैं.