बैंकों और आईआरसीटीसी के बीच सुविधा शुल्क को लेकर झगड़ा इस स्तर पर पहुंच गया कि अब छह बैंकों के कार्ड को आईआरसीटीसी ने बैन कर दिया है। इन छह बैंकों के कार्ड से ग्राहक ऑनलाइन टिकट बुक नहीं करा सकते। बैंकों का कहना है आईआरसीटीसी ने यह कदम इसलिए उठाया है कि वह पूरा सुविधा शुल्क खुद रखना चाहती है। अभी केवल इंडियन ओवरसीज बैंक, कैनरा बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के कार्ड के जरिए आईआरसीटीसी पर पेमेंट की जा सकती है। इसके अलावा किसी भी बैंक के डेबिट कार्ड से पेमेंट नहीं किया जा सकता।
बता दें, इस साल की शुरुआत में आईआरसीटीसी ने बैंकों से कहा था कि वह वेबसाइट के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन से मिलने वाले आधा सुविधा शुल्क उसके साथ बांटे। इसके बाद यह समझा गया था कि भारतीय बैंक संगठन, आईआरसीटीसी और भारतीय रेलवे के साथ बातचीत करके इस मसले को सुलझा लेंगे। लेकिन यह मामला सुलझा नहीं।
नोटबंदी के बाद आईआरसीटीसी ने सुविधा शुल्क 20 रुपए घटा दिया था। एसबीआई के एक सीनियर एग्जीक्यूटिव ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया, ‘हमारे रोजाना 50000 ट्रांजेक्शन कम हो रहे हैं।’ साथ ही उन्होंने बताया, ‘सामान्य तौर पर जो मर्चेंट होता है वह संबंधित बैंक को पैसा देता है। लेकिन आईआरसीटीसी ने आज तक पैसे नहीं दिए हैं। इसलिए हम लोग ग्राहकों से वह वसूल रहे हैं। यह काफी वर्षों से ऐसे ही चला आ रहा है।’ कार्ड से पैमेंट लेने के लिए जो मर्चेंट बैंक की सर्विस का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें चार्ज बैंकों को देना होता है। बैंकों ने आईआरसीटीसी की मांग मानने से मना कर दिया था, उन्होंने कहा था कि वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह मर्चेंट एक्वाइरिंग बिजनेस के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा।
वर्तमान में बैंकों को 1000 रुपए तक के कार्ड ट्रांजेक्शन पर 0.25 फीसदी और 1000 से 2000 रुपए के ट्रांजेक्शन पर 0.5 फीसदी एमडीआर वसूलने की अनुमति है। ज्यादा रकम के ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी तक एमडीआर लगाया जाता है। ये दर नोटबंदी के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए गए अस्थाई दिशानिर्देश के आधार पर तय हैं।