छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में आतंक का पर्याय बन चुके नक्सलियों पर लगाम कसने के लिए इंडो-तिब्बतन बार्डर पुलिस (आईटीबीपी) और छत्तीसगढ़ पुलिस ने उनकी सप्लाई चेन को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है. सुरक्षा बलों का मानना है कि दैनिक इस्तेमाल में आने वाली रसद सामग्री, उपकरणों सहित हथियारों की आपूर्ति को ध्वस्त कर नक्सलियों पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. आईटीबीपी और छत्तीसगढ़ पुलिस के इस संयुक्त अभियान को बड़ी सफलता मिली है, जिसके तहत दोनों पुलिस फोर्स की संयुक्त टीम ने गुरुवार शाम रसद सामग्री लेकर जा रहे एक नक्सली को मार गिराया है, जबकि अन्य नक्सली अपने साथ ले जा रहे सामान को मौके पर छोड़कर भागने के लिए मजबूर हो गए.
दुटागढ़ के जंगल में नक्सलियों से हुई सुरक्षा बलों की मुठभेड़
सुरक्षा बल से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नक्सलियों की सप्लाई चेन को ध्वस्त करने के लिए सभी संभावित इलाकों में इंटेलीजेंस यूनिट को सक्रिय किया गया है. इंटेलीजेंस यूनिट को पता चला कि राजनंदगांव जिला के अंतर्गत आने वाले दुटागढ़ के जंगल से नक्सली भारी तादाद में रसद सामग्री लेकर जाने वाले हैं, जिसके बाद गुरुवार (10 मई) की शाम आईटीबीपी और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम को दुटागढ़ के जंगलों के लिए रवाना कर दिया गया. जंगल में सर्च अभियान के दौरान नक्सलियों को सुरक्षा बलों की मौजूदगी का आभास हो गया. खुद के बचाव में 45 से अधिक नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षा बलों तत्काल अपनी पोजीशन लेकर नक्सलियों की गोलियों का जवाब देना शुरू कर दिया.
मुठभेड़ में ढेर हुआ एक वर्दीधारी नक्सली
सुरक्षा बलों की तरह से मिल रहे मुंहतोड़ जवाब ने कुछ ही मिनटों में नक्सलियों को कमजोर कर दिया. नक्सलियों के लिए अब संभव नहीं था कि वह सुरक्षा बलों की गोलियों का सामना कर सकें. उनके लिए मौजूद रसद सामग्री को लेकर आगे जाना भी बेहद मुश्किल था. लिहाजा, उन्होंने अपनी सारी रसद सामग्री मौके पर छोड़ दी और गोली चलाते हुए फरार हो गए. मुठभेड़ खत्म होने के बाद मौके पर चले तलाशी अभियान में सुरक्षा बलों ने एक वर्दीधारी नक्सली का शव बरामद किया. इसके अलावा, मौके से प्रेसर आईईडी, 30 पिट्ठू, नक्सल साहित्य, इलेक्ट्रानिक उपकरण, सोलर लाइट उपकरण सहित अन्य सामान बरामद किया गया.