Jayalalitha's death knell and confused! Know report ...
पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के आखिरी दिनों को लेकर उनके डॉक्टर शिवकुमार ने जांच आयोग के सामने एक नया खुलासा किया है. डॉक्टर ने बताया कि उन्हें 22 सितंबर 2016 को शाम 7 बजे शशिकला का फोन आया था और उन्होंने बताया कि जयललिता को कफ और बुखार है. जबकि शशिकला ने अपने बयान में कहीं पर भी डॉक्टर को किए फोन कॉल का जिक्र नहीं किया है. साथ ही डॉक्टर ने जयललिता के घर दो अंजान घरेलू सहायकों के होने की भी बात कही है.
डॉ. शिवकुमार के इस बयान ने जयललिता की मौत की गुत्थी को और उलझा दिया है. शशिकला ने जस्टिस ए अरुमुगास्वामी के सामने पेश 99 पैराग्राफ के हलफनामे में कही भी अपने इस फोन कॉल का जिक्र नहीं किया है.
हलफनामे के 28वें पैराग्राफ में शशिकला ने कहा है कि उन्होंने जयललिता को थका हुआ देखकर अस्पताल जाने की बात कही लेकिन जयललिता ने अस्पताल जाने की जरूरत नहीं समझी.
डॉक्टर और शशिकला के बयान काफी अलग
शशिकला ने आगे बताया है कि जयललिता का बुखार एकदम से कम हो गया और फिर रात 9 बजे डॉ शिवकुमार उन्हें देखने के लिए उनके घर आए. दूसरी तरफ डॉ. शिवकुमार का कहना है कि जब उन्होंने शाम को जयललिता से बात की तो वो काफी सामान्य लग रही थीं. डॉक्टर ने बताया कि शशिकला का फोन 7 बजे आया और उसके बाद वो जयललिता के घर करीब 8.45 पर पहुंचे.
जयललिता के डॉक्टर ने आगे बताया कि जब वो उनके घर चेक-अप के लिए गए तो वहां दो अंजान घरेलू सहायक भी मौजूद थे. जिन्हें डॉक्टर ने पहले कभी नहीं देखा था. जबकि शशिकला ने अपने बयान में घरेलू सहायकों का कोई जिक्र नहीं किया है.
घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी में भी डॉक्टर और शशिकला के बयानों में अंतर पाया गया है. शशिकला ने अपने बयान में कहा था कि रात 9.30 के आस-पास वो जयललिता के साथ उनके रूम में थीं. तभी जयललिता ब्रश करने के लिए उठकर बाथरूम की तरफ जाने लगीं. मुंह धोने के बाद जयललिता ने बाथरूम से आवाज लगाकर शशिकला को बुलाया और ठीक महसूस न करने की बात कही. शशिकला, जयललिता का हाथ पकड़कर उन्हें बाथरूम से वापस लाई और बिस्तर पर बैठा दिया. थोड़ी देर बाद जयललिता बेहोश होकर शशिकला के कंधों पर गिर गई और तभी डॉक्टर शिवकुमार ने रूम में एंट्री की.
डॉक्टर को घर से बाहर भेजना चाहती थी शशिकला?
जबकि शिवकुमार ने घटनाक्रम सुनाते हुए अपने बयान में कहा कि जब वो जयललिता के घर गए तब वो काफी खांस रही थीं और उन्हें थोड़ा बुखार भी था. जयललिता ने डॉक्टर को जाने के लिए कहा लेकिन डॉक्टर वहीं रुक गए और उन्होंने अपोलो अस्पताल से एक ऑक्सी़न मास्क मंगवाया. डॉक्टर ने कहा उसके बाद जयललिता बिना किसी सहारे खुद बाथरूम गई और बाथरूम से निकलने के बाद वो लगातार खांसती रहीं और फिर बेहोश हो गई. जयललिता के बेहोश होने के बाद डॉक्टर ने तुरंत एंबुलेंस बुलवाई.
इसके अलावा शशिकला ने बताया कि एंबुलेंस में जयललिता को फिर से होश आया और उन्होंने पूछा कि वो कहां हैं. जबकि डॉक्टर ने बताया कि जयललिता को अपोलो अस्पताल में होश आया. और उन्होंने ब्लड टेस्ट, ईसीजी और दूसरे टेस्ट के बाद ये सवाल पूछा.
22 सितंबर 2016 को आईसीयू के बाहर खड़े अधिकारियों को लेकर भी दोनों के बयानों में काफी अंतर पाया गया है. शशिकला ने बताया कि जयललिता ने सिर हिलाकर मुख्य सचिव राम मोहन राव, एडवाइजर शीला बालाकृष्नन और दूसरे पुलिस अधिकारियों को पहचाना. जबकि डॉक्टर के बयान के मुताबिक उन्हें वहां पर किसी भी सरकारी अधिकारी की मौजूदगी याद नहीं है.
जयललिता की मौत दिसंबर 2016 में हुई थी. 68 वर्षीय जयललिता के पास आने जाने वाले चुनिंदा लोगों की वजह से उनकी मौत सवालों के घेरे में है.