JDS can also become ‘kingmaker’ in Karnataka by winning few seats.
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कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. लेकिन गठबंधन के खेल में बाजी पलटती हुई नजर आ रही है. कांग्रेस ने जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री का पद ऑफर करते हुए उन्हें समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में अब सभी की नजरें जेडीएस के अगले कदम पर टिकी हुई हैं. जेडीएस को राज्य में अब किंग मेकर के तौर पर देखा जा रहा है.
बताया जा रहा है कि एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई में जेडीएस और कांग्रेस के नेता कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलने के लिए निकल चुके हैं. दोनों पार्टियां उनके सामने सरकार बनाने की पेशकश करेंगे. जिस एक पार्टी के कारण कर्नाटक की बाजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी के हाथ से फिसलती नजर आ रही है आइए उस पार्टी यानी कि जेडीएस के इतिहास पर एक नजर डालते हैं.
ऐसे बनी JDS:
साल 1977 में इंडियन नेशनल कांग्रेस को टक्कर देने के लिए कई छोटी पार्टियां एकजुट हुईं और जनता पार्टी अस्तित्व में आई. इसके बाद 1988 में कुछ और छोटी पार्टियों ने जनता पार्टी के साथ विलय कर जनता दल का निर्माण किया. साल 1996 में जनता दल और संयुक्त मोर्चा के गठबंधन से सरकार बनी. उस समय एचडी देवगौड़ा देश के भारत के 11वें प्रधानमंत्री बने. लेकिन, 1999 में जनता दल में फूट पड़ी और पार्टी से अलग होकर जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) अस्तित्व में आया.
उस समय एक धड़ा जॉर्ज फर्नांडीस के नेतृत्व में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल के साथ चला गया. जबकि दूसरा धड़ा एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व में जनता दल (सेक्युलर) के रूप में सामने आया.अब कांग्रेस ने जिस एचडी कुमारस्वामी को सीएम पद ऑफर किया है वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के बेटे हैं. जेडीएस का चुनाव चिह्न सर पर फसल की गठरी उठाए महिला है. पार्टी के झंडे का कलर हरा है. जेडीएस प्रमुख रूप से कर्नाटक में सक्रिय है.