Friday, December 13, 2024
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केरल में ‘निपाह’ वायरस का कहर!

SI News Today
Kerala 'Nippah' virus wrecks!

केरल में निपाह विषाणु से प्रभावित एक और व्यक्ति की मृत्यु हो गई. इस के साथ राज्य में इस खतरनाक विषाणु से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई. कोझिकोड जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयश्री ई ने संवाददाताओं को बताया कि मृतक की पहचान वी मूसा (61) के तौर पर हुई है. मूसा पिछले कुछ दिन से यहां के एक निजी अस्पताल में कुछ दिन से जीवन और मौत के बीच जूझ रहे थे. उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था. उन्होंने बताया कि करीब 160 नमूनों को जांच के लिये वायरोलॉजी संस्थान भेजा गया है और 14 मामलों में इस विषाणु की पुष्टि हुई है.

तीन लोगों का अस्पतालों का इलाज चल रहा है
इनमें से 11 लोगों की मौत हो चुकी है. तीन लोगों का अस्पतालों का इलाज चल रहा है. पिछले 20 दिनों में मूसा के परिवार में हुई यह चौथी मौत है. इससे पहले मूसा के बेटों मोहम्मद सलेह (28), मोहम्मद सादिक (26) और उनकी रिश्तेदार मरिअम्मा की मौत हो चुकी है. सूत्रों ने बताया कि जहां परिवार के दो सदस्यों के निपाह के कारण मरने की पुष्टि हो चुकी है , मूसा के एक बेटे के खून के नमूने में निपाह का विषाणु नहीं पाया गया. स्वास्थ्य अधिकारियों ने मूसा के घर के परिसर में स्थित एक कुआं भी सील कर दिया जिसके बीमारी का केंद्र होने की बात कही जा रही है.

11 लोगों में से आठ कोझिकोड के और तीन पड़ोसी जिले मल्लपुरम के हैं
ऐसा कुएं के चमगादड़ों से संक्रमित होने का पता चलने के बाद किया गया. हालांकि कुएं का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था. जिले के पेरम्बरा तालुक अस्पताल में मूसा के परिवार के लोगों का शुरूआत में इलाज करने वाली नर्स लिनी पुथुस्सेरी की भी विषाणु के संक्रमण के बाद मौत हो गयी. एक आधिकारिक सूचना के मुताबिक मरने वाले 11 लोगों में से आठ कोझिकोड के और तीन पड़ोसी जिले मल्लपुरम के हैं.

22 लोगों के भी विषाणु से संक्रमित होने का संदेह हैं
22 लोगों के भी विषाणु से संक्रमित होने का संदेह हैं . इनमें 13 कोझिकोड के , छह मल्लपुरम के , दो कोट्टायम के और एक तिरूवनंतपुरम के रहने वाले हैं. उनके खून के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं और उनके नतीजों का इंतजार किया जा रहा है. आज सुबह केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में निपाह विषाणु के प्रकोप को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए उपायों की समीक्षा की गई. राज्य सरकार ने एक परामर्श भी जारी कर राज्य की यात्रा करने वाले सभी लोगों से चार जिलों – कोझिकोड , मलप्पुरम , वायनाड और कन्नूर-की यात्रा से बचने का अनुरोध किया है.

स्वास्थ्य सचिव राजीव सदानंदन ने कहा, ‘‘केरल में किसी भी जगह यात्रा करना सुरक्षित है
स्वास्थ्य सचिव राजीव सदानंदन ने कहा, ‘‘केरल में किसी भी जगह यात्रा करना सुरक्षित है. हालांकि यदि यात्री अतिरिक्त सतर्कता बरतना चाहते हैं तो वे इन चार जिलों की यात्रा से बच सकते हैं.’’ राज्य सरकार ने इस मसले पर विचार के लिये 25 मई को कोझिकोड में सर्वदलीय बैठक बुलायी है. एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने विषाणु को लेकर जागरुकता बढ़ाने और सावधानीपूर्वक एहतियाती उपायों को लागू करने के अलावा राज्य के निगरानी तंत्र को सुदृढ़ करने एवं लगातार सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं.

चमगादड़ से वाइरस का प्रसार हो रहा है
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकित्सकों के एक उच्च स्तरीय दल के गठन का निर्देश दिया है और चुनी हुई टीम केरल पहुंच गई है. इस बात का संदेह है कि चमगादड़ से विषाणु का प्रसार हो रहा है’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘टीम में पशुपालन, राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद समेत अन्य संस्थानों के अधिकारी शामिल हैं. मंत्रालय हालात की निगरानी के लिये केरल के स्वास्थ्य विभाग के साथ करीबी संपर्क में है.’’ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, निपाह वाइरस से मनुष्य में कई बिना लक्षण वाले संक्रमण से लेकर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम और प्राणघातक इन्सैफेलाइटिस तक हो सकता है.

डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार एनआईवी (निपाह वाइरस) से सुअरों और अन्य घरेलू जानवरों में भी बीमारी हो सकती है. अभी न तो मनुष्य और न ही पशुओं के उपचार के लिये इसका टीका विकसित हुआ है. मनुष्य के मामलों में इसका प्राथमिक उपचार इंटेंसिव सपोर्टिव केयर (सघन सहायक देखभाल) के जरिये किया जा सकता है.

निपाह वाइरस (एनआईवी) की पहचान पहली बार 1998 में मलेशिया के कामपुंग सुंगई निपाह में बीमारी के फैलने के दौरान हुई थी. उस समय सूअर इसके वाहक थे. हालांकि, बाद में एनआईवी के प्रसार में बीच का कोई वाहक नहीं था. बांग्लादेश में 2004 में इस विषाणु का मनुष्य में संक्रमण हुआ था. यह विषाणु संक्रमित चमगादड़ से दूषित, खजूर का रस पीने से फैला था.

केंद्र से मांगी गई मदद
शनिवार (19 मई) को जिले में एक निजी अस्पताल में 50 वर्षीय महिला की मौत हो गयी थी, जबकि उसके 25 और 23 साल के दो रिश्तेदारों की क्रमश: 18 और 5 मई को मृत्यु हो गयी थी. इससे पहले लोकसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने केरल के कोझिकोड जिले में एक विषाणु के प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र की मदद मांगी थी.

तेजी से फैलता है ‘नामक विषाणु’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखे पत्र में रामचंद्रन ने कहा कि उनके लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वताकरा में कुट्टियाडी तथा पेरम्ब्रा सहित कुछ पंचायत क्षेत्र ‘घातक विषाणु’ की चपेट में हैं. सांसद ने पत्र की एक प्रति यहां प्रेस को भी उपलब्ध कराई. उन्होंने कहा कि कुछ चिकित्सकों ने इसे निपाह नामक विषाणु बताया है, जबकि अन्य ने इसे जूनोटकि विषाणु बताया है जो तेजी से फैलता है.

केंद्रीय टीम जाएगी केरल
इस बीच, दिल्ली से प्राप्त खबर के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने रविवार (20 मई) को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक को राज्य सरकार की सहायता करने के लिए केरल के कोझिकोड़ की यात्रा करने का निर्देश दिया. मंत्री के निर्देश पर एक केंद्रीय टीम केरल जाएगी. नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने स्थिति की समीक्षा की.

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