Khattar: Action will be taken against the failing officers to give details of the property!
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अपनी संपत्ति का ब्योरा दाखिल करने में कथित तौर पर नाकाम रहे 125 अधिकारियों के खिलाफ बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि हर मामले में एक जांच अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. प्रवक्ता ने बताया कि दोषी अधिकारियों में उत्पाद शुल्क और कराधान विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं.
पीएमओ के अधिकारियों की सैलरी सार्वजनिक कर चुकी है सरकार
पिछले साल प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अपने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी सार्वजनिक कर दी थी. अगस्त 2016 में प्रधानमंत्री के सेक्रटरी और 1983 बैच के आईएएस ऑफिसर भास्कर खुल्बे पीएमओ के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले अधिकारी बताए गए थे. उनकी सैलरी 2.01 लाख रुपये बताई गई थी.
पीएमओ के तीन अन्य टॉप अधिकारियों में पीएम के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा, अतिरिक्त प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को 1,62,500 रुपये की मंथली सैलरी मिलने की बात बताई गई थी. इन तीनों की सैलरी इसलिए बराबर है क्योंकि ये तीनों रिटायर्ड सिविल सर्वेंट्स हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी को हर महीने 99,434 रुपये मिलते हैं. वहीं, पीएम के एक पुराने सहयोगी जेएम ठक्कर को भी 99,434 रुपये की ही पेंशन मिलती है. पीएमओ में पोस्टेड इन्फर्मेशन ऑफिसर शरत चंदर को 1.26 लाख रुपये की सैलरी मिलने की बात कही जा चुकी है.
पीएमओ के खुलासे के मुताबिक, संयुक्त सचिवों में तरुण बजाज को सबसे ज्यादा 1,77,750 रुपये मिलते हैं, जबकि अनुराग जैन की सैलरी 1,76,250 रुपये और ए.के. शर्मा की 1,73,250 रुपये है. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते वक्त भी पीएमओ ने अपने अधिकारियों की सैलरी सार्वजनिक की थी.