Know why people importance worship to the tree.
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कहते हैं कि पीपल के पोड़ का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है और इस पेड़ को पूजा करने योग्य एवं शुद्ध माना जाता है। इस पेड़ को दुनिया भर में वासुदेव या चैत्य वृक्ष्य भी कहा जाता है और ऐसा माना जाता है कि पीपल के पत्तों में सभी देवताओं का वास होता है। हां वो बात और है कि इसके कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। शनिवार को शनिदेव के साथ-साथ पीपल के पेड़ की भी पूजा की जाती है और लोगों की यह मान्यता है कि इसकी पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और काम में सफलता भी मिलती है। आइये आपको बताते हैं इसकी पूजा से जुड़े कुछ कारणों को।
आपको बता दे कि इंसानो के ठीक विपरीत होते हैं ये पेड़ और ज्यादातर पेड़ कार्बनडाइआक्साईड लेते हैं व ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इन्हीं सब कारणों के कारण ही रात को पेड़ के नीचे नही सोना चाहिए। वहीं वैज्ञानिकों का यह कहना है कि पीपल बस एक पेड़ है और इसके पास जाने से रोगों से छुटकारा मिल जाता है और शरीर स्वस्थ रहता है क्योंकि ये पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है।
वहीं पीपल के पेड़ में रोज जल चढ़ाने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शत्रुओं का नाश भी होता है साथ ही संतान का सुख मिलता है। इससे धन-संपत्ति एवं ऐश्वर्य की भी प्राप्ति होती है। इसकी पूजा करने से सभी ग्रहों के दोष दूर हो जाते हैं और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से जीवन में सफलता के साथ ही लाभ भी मिलता है। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ को काटा नही जाता क्योंकि इससे वंश की आगे नही बढ़ता है और पितरों को भी कष्ट की अनुभूति होती है।