गुड़गांव की भोंडसी जेल से जमानत पर रिहा होने के एक दिन बाद बीजेपी की हरियाणा इकाई के नेता सूरजपाल अम्मू ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। सूरजपाल को पुलिस ने फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर 25 जनवरी को गुड़गांव में हुई हिंसा में संलिप्तता के बारे में पूछताछ करने के लिए हिरासत में लिया था। जिसके एक दिन के बाद ही अदातल ने सूरजपाल को चार दिन की न्यायिक हिरासत के लिए भेज दिया था। सूरजपाल फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर दिए बयानों के कारण सुर्खियों में रहे। सूरजपाल ने फिल्म की एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की नाक काटने के बदले 10 करोड़ का इनाम रखा था। जिसके बाद सूरजपाल की राजनीति जगत में खासा चर्चा हुई थी।
सूरज पाल अम्मू ने मीडिया से बातचीत में कहा, ”मैं विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ को सभी राज्यों में रिलीज करने की इजाजत देने की केंद्र और शीर्ष न्यायालय की कार्रवाई से दुखी हूं। इससे 12 हजार से ज्यादा राजपूत समुदाय के लोगों की भावना आहत हुई। जिसका परिणाम हिंसा रही।” सूरजपाल ने कहा, ”मैं हैरान हूं कि हरियाणा और केंद्र सरकार ने इस पूरे विरोध को आतंकवाद और असामाजिकता का नाम दिया।” सूरजपाल ने कहा, ”मैंने हरियाणा बीजेपी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है और इस बात की जानकारी बीजेपी के स्टेट प्रेसिडेंट सुभाष बराला को एसएमएस, ईमेल, ट्वीट और फेसबुक के जरिए भी दे दी है। मैं रानी पद्मिनी के राज्य राजस्थान में आया हूं और जहां मैंने बीजेपी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।” पुलिस को गुड़गांव की एक स्कूल बस में हुए हमले पर भी सूरजपाल की भूमिका होने का शक है।
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनीं फिल्म ‘पद्मावत’ ने रिलीज होने के लिए कई बाधाओं का सामना किया। राजपूत समुदाय ने संजय लीला भंसाली पर उनके इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। राजपूत समुदाय का आरोप था कि फिल्म ‘पद्मावत’ में महारानी पद्मावती का गलत वर्णन किया गया है। हालांकि बाद में सेंसर बोर्ड ने फिल्म में पांच बदलावों और टाइटल में परिवर्तन के बाद फिल्म को हरी झंडी दे दी थी। फिल्म ‘पद्मावत’ 25 जनवरी को रिलीज हो चुकी है।