Those who have love with street food, they must read this news once
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हम सब जानते हैं की स्ट्रीट फ़ूड हमारी सेहत के लिए कभी अच्छा नहीं होता लेकिन फिर भी हम उसे खाने से बाज नहीं आते.जिसके चलते हमे कई बार बिमारियों का सामना भी करना पड़ता हैं. आपको बता दें कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के अधीन आने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन (पूसा- नई दिल्ली) ने अपनी रिसर्च में मोमोज को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है.
रिसर्च में सामने आया कि मोमोज के साथ में मिलने वाली लाल तीखी चटनी में जरूरत से ज्यादा फीकल मैटर (अनहाइजैनिक तरीके से पानी या फूड के जरिए शरीर में जाने वाली गंदगी) पाया जाता है. जो आपको बुरी तरह से बीमार कर सकता है.
बता दें, यह रिसर्च दिल्ली में बिकने वाले स्ट्रीट फूड को लेकर की गई थी. वहीं इस रिसर्च में मोमोज के अलावा पानी पूरी, समोसा, कचोरी भी शामिल था.
जहाँ मोमोज बनाने के लिए ब्लीचिंग मैदा और कई कैमिकल्स का यूज होता है. वहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि मोमोज में मिलाया जाने वाला खतरनाक केमिकल मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) ना सिर्फ हमारी हड्डियों को कमजोर बनाता बल्कि इससे नर्वस डिसऑर्डर की प्रॉब्लम भी हो सकती है.
रिसर्च में बताया गया है कि इसे बनाने के लिए जो पत्तागोभी इस्तेमाल की जाती है उसेको ठीक ढंग से पकाया नहीं जाता. वहीं, इसकी चटनी इतनी ज्यादा तीखी होती है कि पाइल्स की बीमारी भी हो सकती है.
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज विदिशा के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर नीरज जैन (MS और लेप्रोस्कोपिक सर्जन) ने बातचीत के दौरान बताया कि फ्राइड मोमोज, समोसा, कचौड़ी या दूसरे फ्राइड फिलिंग आइटम एक ड्यूरेशन के बाद से सभी फ़ूड आइटम्स डिग्रेड होना शुरू हो जाते हैं. जिसके बाद उसमें बैक्टीरिया बनने लगते है. वहीं ऐसे में जब ये खाना इस ड्यूरेशन के बाद खाया जाएगा तब पेट में ऐंठन, टाइफाइड, उल्टी, दस्त, एसिडिटी, डिसेंट्री जैसी बीमारियां हो सकती हैं.