धरती पर रेंगनेवाले जन्तुओं (सरीसृपों) के प्रजातियों की भरमार है। वैज्ञानिक लगातार इनसे जुड़े रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश करते रहते हैं। ताजा अध्ययन में जिस रहस्य से पर्दा उठा है वह हैरान करने वाला है। वैज्ञानिकों की मानें तो नर सांपों और मादा छिपकलियों को दो-दो जननांग होते हैं। नेशनल ज्योग्राफिक के वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी के अनुसार धरती पर 10 हजार से ज्यादा अलग-अलग आकार के रेंगनेवाले जंतुओं की प्रजातियां पाई जाती हैं। सांपों से लेकर मगरमच्छ तक उनमें काफी भिन्नताएं होती हैं। कुछ रेंगनेवाले जंतुओं के जननांग काटेदार होते तो कुछ के दो जननांग होते है। अब तक ज्यादातर नर सरीसृपों के जननांगों को लेकर अध्ययन किए गए हैं, लेकिन अब मादा सरीसृपों के जननांगों पर हुए अध्ययन में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया है कि मादा सरीसृपों जननांग उनके शरीर के अंदर भी होते हैं। नर सांपों की तरह मादा सांपों और छिपकलियों के भी दो-दो जननांगों की बात सामने आई है। ऐसे जननांगों को हेमीफेनिस कहते हैं।
सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ता क्रिस्टोफर फ्रीजेन कहते हैं हेमीफेनिस मादा सरीसृपों से संबंध स्थापित करने के दौरान नर सरीसृपों के लिए मददगार साबित होते होंगे। उन्होंने बताया कि वह अफ्रीका में पाए जाने वाले गार्टर सांप का अध्ययन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि नर सरीसृपों में एक जननांग मादा से संबंध स्थापित करने, जबकि दूसरा इसके लिए तेजी से प्रतिस्पर्धा में मददगार साबित होता होगा। फ्रीजेन कहते हैं कि इसीलिए 5 से लेकर 100 नर सांपों को एक मादा सांप के साथ संबंध बनाने की प्रतिस्पर्धा करते हुए देखा जाता है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति नर सांपों के लिए फायदेमंद साबित होती होगी।
नर सांपों की तरह मादा सापों और छिपकलियों में जो दो जननांग देखे जाते हैं, उन्हें हेमीक्लिटोरिस कहते हैं। पहली बार डब्ल्यू बोहमे ने 1995 में बताया था कि निगरानी करने वाली मादा छिपकलियों में दो जननांग होते हैं। चौंकाने वाली बात यह भी है कि छिपकली की तरह दिखने वाले टुआटारा नाम का एक जन्तु का प्राइवेट पार्ट ही नहीं होता है।