पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने जीवन भर की बौद्धिक जमा पूंजी यानी अपनी किताबें दान में देंगे। जी हां, देश के महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह अपनी करीब 3500 पुस्तकें (पंजाब यूनिवरर्सिटी) पीयू को भेंट कर देंगे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बुधवार (04-10-2018) को विश्वविद्यालय में मौजूद थे जहां उन्होंने अपनी किताबें विश्वविद्यालय को भेंट स्वरुप देने की इच्छा जताई। पूर्व प्रधानमंत्री ने इन सभी किताबों के कैटलॉग तैयार कर पीयू को देने की बात भी कही है। इधर पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन पूर्व प्रधानमंत्री की तरफ से मिलने वाली ज्ञान रूपी इस भेंट को लेकर बेहद उत्साहित है। पीयू प्रशासन का कहना है कि वो पूर्व प्रधानमंत्री के किताबों को अपने पास रखने के लिए लालायित है। पीयू प्रशासन का कहना है कि डॉ. सिंह की तरफ से डोनेट की जा रही पुस्तकों को विश्वविद्यालय कैम्पस में ही स्थित गुरू तेग बहादुर भवन में रखा जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस भवन को दिल्ली में बने नेहरू म्यूजियम और लाइब्रेरी के तर्ज पर तैयार किया जाएगा।
आपको बता दें कि विख्यात अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पंजाब विश्वविद्यालय से पुराना नाता रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी से ही उन्होंने बीए तथा एमए अर्थशास्त्र से किया था। इसीलिए पीयू उनके सम्मान में एक लाइब्रेरी बनाएगी। अपने नाम से लाइब्रेरी बनने के कारण वे इसमें रुचि ले रहे हैं और ये लाइब्रेरी छात्रों के लिए काफी उपयोगी हो इसीलिए उन्होंने अधिक से अधिक किताबें दान की है।
पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त विभाग में फैकल्टी सदस्य के तौर पर ज्वायन किया था। 32 साल की उम्र में मनमोहन सिंह इसी पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गए और छात्रों को शिक्षित भी करने लगे। मनमोहन सिंह वर्ष 2004 से लेकर वर्ष 2014 तक देश के प्रधानमंत्री भी रहे। अर्थशास्त्र के विद्वान डॉ. सिंह का पढ़ाई-लिखाई से लगाव शुरू से ही रहा है। डॉ. सिंह के घर के कई कमरें किताबों से भरे पड़े हैं। जिसमें अर्थशास्त्र, राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय अफेयर्स और लिटरेचर की बहुत सी किताबें हैं। जाहिर है उनकी किताबें विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक साबित होंगी।