पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार पर वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए रविवार (29 अप्रैल) को कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में देश में बदलाव आएगा. ‘जन आक्रोश’ रैली में सिंह ने कहा, ‘मोदी सरकार अपने हर वादे को पूरा करने में विफल रही. चार साल पहले जो वादे किए थे वो आज तक पूरे नहीं हुए.” उन्होंने कहा, ‘महंगाई बहुत बढ़ गई है. नौजवान नौकरी नहीं मिलने से परेशान हैं. दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं. इस पर मोदी सरकार ध्यान नहीं दे रही है.’ सिंह ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत घट गई, लेकिन पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ गई हैं.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में देश में बदलाव आएगा और इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खड़ा होना होगा. सिंह ने कहा कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे लोग हजारों करोड़ लेकर भाग गए. इससे बैंक कमजोर हो गए हैं. सरकार कुछ नहीं कर रही है.
इससे पहले कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने कहा, ‘चार साल में सरकार ने देश को जिस तरह से नुकसान पहुंचाया है, उससे सभी दुखी हैं. महिलाएं, नौजवान, किसान, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक सभी परेशान हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इस रैली से यह संकल्प लेकर जाना है कि हमे राहुल गांधी के सन्देश को घर घर तक पहुंचाना है.’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘इस सरकार के कार्यकाल में समाज का तानाबाना छिन्न-भिन्न हो गया है. भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है. इस माहौल को बदलना होगा. यह बदलाव राहुल गांधी के नेतृत्व में ही हो सकता है.’
मोदी के शब्दों में सच्चाई ढूंढना मुश्किल: राहुल गांधी
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए रविवार (29 अप्रैल) को कहा कि मोदी वादे करते रहते हैं, लेकिन आम आदमी को उनके शब्दों में सच्चाई ढूंढने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. राहुल ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री बोलते रहते हैं और वादे करते रहते हैं. वह जहां भी जाते हैं वहां वह लोगों से कुछ नए वादे कर आते हैं. लेकिन लोगों को उनके शब्दों में से सच्चाई ढूंढने की कोशिश करनी पड़ती है. वे सोच में पड़ जाते हैं कि इस आदमी ने इतने वादे किए हैं लेकिन सच्चाई कहां है.”
कांग्रेस अध्यक्ष राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी द्वारा आयोजित ‘जन आक्रोश’ रैली को संबोधित कर रहे थे. राहुल ने कहा, “उन्होंने हर साल दो लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था. लोगों ने उन पर भरोसा किया. लेकिन चार सालों के बाद हमारे पास केवल हर तरफ बेरोजगारी है. नोटबंदी और गब्बर सिंह कर (जीएसटी) जैसे कदमों ने अनौपचारिक क्षेत्र की कमर तोड़ दी है.”