कोलकाता में गुरुवार (18 जनवरी) को मुस्लिम समूहों ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने शहर के गांधी मैदान में भारी विरोध प्रदर्शन के बीच नेतन्याहू और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पोस्टरों पर पहले स्याही छिड़की और फिर उन्हें आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इजरायल फिलिस्तीन में मुसलमानों का जीना दूभर कर रहा है, उनकी जगहों पर अतिक्रमण कर रहे है और प्रधानमंत्री उसी के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का देश में स्वागत कर रहे है। अखिल बंगाल अल्पसंख्यक युवा संघ के महासचिव मोहम्मद कमरुज्जामां ने कहा – ”फिलिस्तीन में मुस्लिमों पर हमले हो रहे हैं, उनकी भूमि और संपत्ति पर अतिक्रमण किया जा रहा है, यह बहुत दुख की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुले दिल से नेतन्याहू का स्वागत कर रहे हैं।”
कमरुज्जमां ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी पूर्वी येरुशलम विवाद की बात करते हुए कहा कि दोनों ही देश शहर को अपनी राजधानी बता रहे हैं। 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आधिकारित तौर पर येरुशलम को इजरायल की राजधानी बताते हुए फिलिस्तीनी नेताओं, मुस्लिम देशों और बड़े पैमाने पर वैश्विक समुदाय की निंदा की परवाह नहीं की।
कमरुज्जमां ने यह भी कहा- ”नेतन्याहू का अहमदाबाद के साबरमती स्थित महात्मा गांधी के आश्रम में जाना दुर्भाग्य की बात है। गांधी जी ने इजरायल की नीतियों को कभी स्वीकृति नहीं दी। मोदी उन्हें साबरमती में क्यों ले आए? पवित्र स्थान का अपमान किया गया।” कमरुज्जमां ने यह मांग भी की कि भारत को इजरायल के साथ सभी व्यापारिक संधियों को तुरंत तोड़ लेना चाहिए। उन्होंने राज्य में नेतन्याहू को नहीं आने देने पर मुख्य मंत्री ममता बनर्जी की तारीफ की। उन्होंने कहा- ”जब उत्तर प्रदेश, गुजरात जैसे स्थानों पर नेतन्याहू का स्वागत किया जा रहा है, ऐसे में ममता की भूमिका का हम स्वागत करते हैं।”
बता दें कि इजरायली पीएम नेतन्याहू 14 जनवरी को भारत की यात्रा पर आए थे। इस दौरान वह दिल्ली समेत यूपी, गुजरात और मुंबई गए। यूपी में वह अपनी पत्नी के साथ विश्व विख्यात ताजमहल देखने गए थे और वहां तस्वीरें भी खिंचवाई थीं। इजरायली पीएम के साथ भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए।