Narendra Modi: The valuable gift given to humanity on behalf of ancient Indian saints is 'Yoga'!
आगामी 21 जून को चौथे योग दिवस समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार कहा कि इससे लोग विचारों , कदमों , ज्ञान और समर्पण में बेहतर व्यक्ति बनते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि योग शरीर को फिट रखने के लिए व्यायाम ही नहीं है बल्कि यह अच्छे स्वास्थ्य का ‘पासपोर्ट’ है और फिटनेस के लिए अहम है.
अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि योग प्राचीन भारतीय संतों की ओर से मानवता को दिया गया बहुमूल्य उपहार है. उन्होंने कहा, ‘योग सिर्फ वह नहीं है जो आप सुबह के समय करते हैं. अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को परिश्रम और पूरी जागरूकता के साथ करना भी योग का ही एक स्वरूप है.’
पीएम मोदी ने कहा कि रोगों से मुक्ति और अच्छी सेहत की राह, यही योग की राह है. उन्होंने कहा, ‘….. यह हमें दूसरों को अपनी तरह देखने की शिक्षा देता है , योग हमें विचारों , कदमों , ज्ञान और समर्पण में बेहतर व्यक्ति बनाता है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यायाम मस्तिष्क , शरीर एवं बुद्धि के बीच एकता कायम करता है. उन्होंने कहा , ‘ हम खुद को ज्यादा अच्छे तरीके से समझने लगते हैं , जिससे हमें दूसरों को बेहतर समझने में भी मदद मिलती है.’
‘आधुनिक जीवनशैली की समस्याओं’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोग तनाव से जुड़ी बीमारियों और मधुमेह एवं अत्यधिक तनाव जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से भी जूझते हैं. उन्होंने कहा , ‘तनाव और अवसाद चुपचाप जान लेने वाले बन गए हैं.’
पीएम मोदी ने कहा कि अति की इस दुनिया में योग संयम एवं संतुलन का वादा करता है. अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा , ‘ मानसिक तनाव से जूझ रही दुनिया में योग शांति का वादा करता है. विचलित दुनिया में योग ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है. भय की दुनिया में योग उम्मीद , ताकत एवं साहस का वादा करता है.’
उन्होंने कहा कि योग रोगों के निदान बताता है और इससे तनाव से लड़ने और शांति पाने में मदद मिलती है. आगामी 21 जून को मोदी देहरादून में एक विशाल योग कार्यक्रम की अगुवाई करेंगे.