विदेश मंत्रालय ने पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट रद्द करने की वजह भी बताई है. मंत्रालय का कहना है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने मंत्रालय द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं दिया. आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. जिसका दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद विदेश मंत्रालय ने दोनों के ऊपर ठोस कदम उठाते हुए उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है.
पासपोर्ट रद्द करने पर नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, ‘ईडी और पासपोर्ट अथॉरिटी परस्पर विरोधाभासी कार्रवाई कर रहे हैं. पासपोर्ट अथॉरिटी ने शुरुआत में पासपोर्ट को निलंबित किया और बाद में उसे रद्द कर दिया. वहीं दूसरी तरफ ईडी का कहना है कि आप (नीरव मोदी) आएं और जांच में सहयोग करें.लेकिन जब किसी आदमी पासा पासपोर्ट नहीं है और वह देश से बाहर है वह कैसे आ सकता है और जांच में सहयोग कर सकता है? ‘
आपको बता दें कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के पंजाब नेशनल बैंक को 11,400 करोड़ रुपये का चूना लगाने के बाद जांच एजेंसियों पर दोनों आरोपियों पर शिकंजा कस दिया है. पिछले दिनों जांच एजेंसियों ने दोनों की अरबों रुपये की संपत्ति जब्त की है.
इससे पहले घोटाले के आरोपी और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी ने अपने कर्मचारियों को चिट्ठी लिखकर नई नौकरी तलाश करने के लिए कहा है. इस पत्र को मेहुल चौकसी के वकील संजय अबोट ने जारी किया है. इसमें गीतांजलि जेम्स के मालिक ने लिखा है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया और उन्हें उम्मीद है कि आखिर में सच की ही जीत होगी.
चोकसी के 3500 से भी ज्यादा कर्मचारी
खत में मेहुल चोकसी ने अपने 3500 से भी ज्यादा कर्मचारियों को संबोधित करते हुए लिखा है ‘अब उसके लिए कर्मचारियों को सैलरी दे पाना बहुत मुश्किल है.’ पत्र में लिखा गया है कि जांच एजेंसियों की तरफ से उसके बैंक खाते और अन्य संपत्ति को जब्त किए जाने से वेतन देने में दिक्कत हो रही है. उसने इसमें यह भी कहा है कि स्थिति सामान्य होने पर मैं आपका बकाया भुगतान जरूर करूंगा.
वकील के जरिए सामने आया खत
मेहुल चोकसी के वकील के माध्यम से सामने आई चिट्ठी में उसने जांच एजेंसियों पर भी निशाना साधा है. उसने लिखा है उसके और उसकी कंपनी के खिलाफ डर और अन्याय का माहौल बना दिया गया है. पत्र में यह भी कहा गया है कि जांच एजेंसियां निष्पक्ष होकर जांच नहीं कर रही हैं. उसने अपने कर्मचारियों को संबोधित पत्र में लिखा है ‘मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. लेकिन मुझे अपनी बेगुनाही साबित करने में समय लगेगा. मुझे यकीन है एक दिन सच सबके सामने आएगा.
इससे पहले आयकर विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को मेहुल चोकसी के स्वामित्व वाले गीतांजलि समूह की हैदराबाद में 1,200 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क करने की पुष्टि की थी. आईटी अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी ने गीतांजलि समूह की तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) स्थित संपत्ति कुर्क की है. आईटी विभाग के अधिकारियों ने बताया, ‘निर्धारिती (गीतांजलि समूह) के खुद के मूल्यांकन के हिसाब से इसकी कीमत 1,200 करोड़ रुपए है.’
अरुण जेटली ने बैंकों के प्राइवेटाइजेशन पर कहा
पीएनबी के 11,400 करोड़ रुपये के महाघोटाले के बाद शुरू हुई बैंकों की प्राइवेटाइजेशन की मांग को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खारिज कर दिया. उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की संभावना से इनकार किया है. पीएनबी में सामने आए घोटाले के संदर्भ में वित्त मंत्री ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को राजनीतिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा. एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि पीएनबी घोटाले के बाद काफी लोगों ने निजीकरण की बात शुरू कर दी है. वित्त मंत्री ने कहा, ‘इसके लिए बड़ी राजनीतिक सहमति की जरूरत है. साथ ही बैंकिंग नियमन कानून का भी संशोधन करना पड़ेगा. मुझे लगता है कि भारत में राजनीतिक रूप से इस विचार के पक्ष में समर्थन नहीं जुटाया जा सकता. यह काफी चुनौतीपूर्ण फैसला होगा.’
सार्वजनिक क्षेत्र में सिर्फ दो-तीन बैंक हो
आपको बता दें कि उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष राशेष शाह ने शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर चरणबद्ध तरीके से बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया था. शाह ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र में सिर्फ दो-तीन बैंक ही होने चाहिए. नीरव मोदी द्वारा पीएनबी से घोटाला किए जाने के बाद से बैंकों के प्राइवटाइजेशन की मांग तेजी से उठने लगी है.
एसोचैम ने भी हिस्सेदारी घटाने को कहा
एसोचैम ने भी सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 50 प्रतिशत से कम पर लाने के लिए कहा है. कुछ उद्योगपतियों ने भी बैंकों के निजीकरण का समर्थन किया है. गोदरेज समूह के आदि गोदरेज का कहना है कि निजी क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी बिलकुल नहीं होगी या बहुत कम होगी. बजाज समूह के प्रमुख राहुल बजाज भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की बात कह चुके हैं.
21 अचल संपत्तियों को कुर्क
दूसरी तरफ पीएनबी महाघोटाले के सामने आने के बाद नीरव मोदी पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई तेजी से हो रही है. शनिवार को भी ईडी ने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत नीरव मोदी ग्रुप की 21 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है. इनमें नीरव मोदी के फ्लैट, अलीबाग स्थित फार्महाउस, सोलर पावर प्लांट, अहमदनगर में 135 एकड़ जमीन और ऑफिस शामिल हैं. ये प्रॉपर्टी मुंबई और पुणे में स्थित है. ईडी की तरफ से कुर्क की गई इन संपत्तियों की कीमत 523.72 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
इससे पहले ईडी ने शुक्रवार को नीरव मोदी के 44 करोड़ रुपए के बैंक जमा और शेयरों को फ्रीज किया था. कार्रवाई के दौरान ईडी ने स्टील की 176 अलमारी और 60 प्लास्टिक के कंटेनर भी जब्त किए थे. इनमें कई हजार विदेशी घड़ियां जब्त की गई थीं. ईडी ने नीरव मोदी के वो बैंक अकाउंट भी फ्रीज कर दिए हैं जिनमें 30 करोड़ रुपए तक का बैलेंस है. इसके साथ ही ईडी ने सर्च ऑपरेशन के दौरान नीरव मोदी के 13.86 करोड़ रुपए के शेयर्स भी जब्त किए हैं.