Newborn babies used to take between 50 thousand to 1 lakh, a nun of charity
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झारखंड: रांची में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी में नवजात शिशुओं को बेचने के मामले में पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. सेंट मदर टेरेसा द्वार शुरू की गई संस्था मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की एक नन और सिस्टर कोनसिलिया ने यह बात कबूल कर ली है कि उन लोगों ने मिलकर बच्चे बेचे थे. रांची पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल करते हुए सिस्टर कोनसिलिया ने कहा है कि उसने 50-50 हजार रुपयों में दो बच्चों को बेचा है जबकि एक बच्चे को एक लाख बीस हजार रुपये में बेचा था. लेकिन एक अन्य बेचे गए बच्चे की पूरी जानकारी उसके पास नहीं है. आपको बता दें कि पुलिस इस मामले में बेचे गए तीन बच्चों को पहले ही बरामद कर चुकी है. नन के कबूलनामे के अलावा एक वीडियो भी सामने आया है. जिसमें संस्था की एक कर्मचारी सिस्टर कोनसिलिया यह कबूल करते हुए नजर आ रही हैं कि उसने बच्चे बेचे हैं जबकि एक बच्चे को बिना पैसों के यानि फ्री में दे दिया था. सिस्टर कोनसिलिया ने वीडियो में यह भी कहा है कि बच्चा बेचने की बात उसने किसी को भी नहीं बताई थी और इस बारे में सिस्टर (हेड सिस्टर) को भी नहीं मालूम था. केवल मैं और करिश्मा ही जानते थे.
अनिमा ने कबूलनामे में लिखी पूरी बात
कबूलनामे में नन ने यह बात भी लिखी है कि उसने किसके बच्चे को किसे और कितने रुपयों में बेचा था. जिन चार बच्चों को बेचे जाने की बात नन ने कबूल की है वो सभी के सभी लड़के थे. यही नहीं एक बच्चा नन ने एक लाख बीस हजार रुपयों में बेचने की बात कबूल की है लेकिन उसका कहना है कि उसमें से 20 हजार रुपये उसने अपने पास छुपा लिए थे और बाकी के एक लाख रुपये उसने सिस्टर कोनसिलिया को दे दिए थे. हालांकि इस मामले में गिरफ्तार सिस्टर कोनसिलिया ने भी अपने वकील को बताया कि वह बच्चों को बेचने में कहीं से भी शामिल नहीं है. उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने दबाव में यह बयान लिया है कि उन्होंने बच्चों को बेचा था.
नन अनिमा ने भी मानी बच्चा बेचने की बात
अनिमा इन्दवार की तरफ से दिए गए कबूलनामे में लिखा है कि अनिमा संस्था में पांच साल से काम कर रही थी और उसने सिस्टर कोनसिलिया के साथ मिलकर बच्चों को बेचा है. जानकारी के मुताबिक रांची पुलिस ने बच्चों की बिक्री के मामले में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरी ऑफ चैरिटीज़ की सिस्टर एवं कर्मचारी को पूछताछ के लिए चार दिनों की रिमांड पर लिया है. जिससे पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके.