Nida Khan: The heresy clerics have made Bareilly the Taliban ...
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एक अजीब सा डर है कि किसी भी समय एक उकसाई भीड़ आकर कुछ कर देगी..ये शब्द हैं, तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ डटकर खड़ी निदा खान के वही निदा जिनके खिलाफ पाखंडी मौलवियों ने फतवा जारी कर उन्हें इस्लाम से बेदखल कर दिया और हिंदुस्तान छोड़ने का तालिबानी फरमान सुनाया है. आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा का कहना है कि सोच-समझकर महिलाओ के वजूद को खत्म करने की साजिश चल रही है. यह पूछने पर कि यह साजिश कर कौन रहा है? इसका टका सा जवाब देते हुए निदा कहती हैं, धर्म के ठेकेदार और कौन? निदा ने बातचीत में कहा, “हम बेशक 21वीं सदी और शिक्षित समाज की दुहाई दें लेकिन वास्तविकता यही है कि फतवा जारी होने के बाद से ही मेरा सामाजिक बहिष्कार हो गया. मैं और मेरा परिवार डर के साए में जी रहे हैं, लगता है कि कभी भी कहीं से कोई भीड़ आकर कुछ भी कर सकती है।” शरीयत में तब्दीली की मांग करते हुए निदा कहती हैं, शरीयत में जो हमारे हूकूक हैं, वो दरअसल हमें मिले ही नहीं.
इन उलेमाओं ने शरीया को अपनी जागीर बना लिया है. महिलाओं से रंजिश लेने के लिए फतवे जारी किए जा रहे हैं . इन्हें मुस्लिम महिलाओं का शिक्षित होना, उनका काम करना, यहां तक कि गूगल इस्तेमाल करना नागवारा है . दरअसल, ये मुस्लिम महिलाओं को सशक्त होते देखना ही नहीं चाहते. मैं अपने ट्रस्ट के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं की मदद कर रही हूं, उन्हें अधिकारों को लेकर जागरूक बना रही हूं. यही बात इनके गले नहीं उतर रही।” बरेली की निदा खुद तीन तलाक पीड़िता है. वह कहती हैं कि हम आजाद मुल्क में रह रहे हैं, ये होते कौन हैं, मुझे इस्लाम से बेदखल करने और मुल्क छोड़ने का फरमान जारी करने वाले. वह कहती हैं, इस्लाम में महिलाओं को जो हक दिए गए हैं, असल में हमें उनसे महरूम रखा गया है. निदा ने इन फतवों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की बात कही थी लेकिन किन्हीं कारणों से वह अभी तक याचिका दायर नहीं कर पाई हैं, इसकी वजह बताते हुए वह कहती हैं,हां, कुछ कारणों से मैं अभी याचिका दायर नहीं कर पाई हूं लेकिन जल्द ही अदालत जाऊंगी.
सरकार से मदद मिलने के सवाल पर निदा कहती हैं,अभी तक सरकार से किसी तरह की मदद या आश्वासन नहीं मिला है. मैं कल ही प्रधानमंत्री मोदी जी से मिलने वाली थी लेकिन किन्हीं कारणों से मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन जल्द ही मोदी जी से मिलकर मदद की गुहार लगाऊंगी. वह कहती हैं, इन मौलवियों में डर बैठाना जरूरी है. इसके लिए जरूरत है कि शरई अदालतों में औरतों को भी काजी बनाने की व्यवस्था की जाए. आपको बता दूं कि जिन लोगों को अभी तक मेरे खिलाफ जारी किए गए इस फतवे के बारे में पता नहीं हैं, उन्हें घूम घूमकर इसके बारे में बताया जा रहा है. हमारे घर जो काजी आते थे, उन्होंने आना छोड़ दिया है. इन पाखंडी मौलवियों ने इस्लाम का मजाक बनाकर रख दिया है. आपको यकीन नहीं होगा बरेली में हालत ऐसी हैं कि इन्होंने बरेली को तालिबान बना दिया है.” निदा हलाला पीड़िताओं को इंसाफ दिलाने के लिए भी काम कर रही हैं. दरगाह आला हजरत खानदान की बहू निदा कहती हैं कि हलाला को इन मौलवियों ने बिजनेस बना दिया है . देशभर में तकरीबन दो लाख मुस्लिम महिलाएं हलाला की शिकार हैं. मैं इस लड़ाई को दूर तक ले जाऊंगी. इन मौलवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.