रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अपने कुछ पड़ोसियों के उलट भारत परमाणु अप्रसार को बेहद गंभीरता से लेता है और ‘‘डर्टी बमों’’ (रेडियोसक्रिय सामग्री से लैस विस्फोटक) में विश्वास नहीं करता. सीतारमण दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोल रही थीं. उन्होंने यहां पर परमाणु संधि के बारे में बताते हुए कहा कि भारत परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर ना करने के बावजूद भी परमाणु अप्रसार नियमों का पालन कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम अप्रसार को लेकर प्रतिबद्धता के तौर पर परमाणु संधियों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और गैरकानूनी प्रसार का समर्थन नहीं करते.
सीमापार से घुसपैठ नहीं होने देंगे- सीतारमण
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘अपने कुछ पड़ोसियों के उलट भारत डर्टी बमों में विश्वास नहीं करता और परमाणु अप्रसार को बेहद गंभीरता से लेता है.’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से सीमापार घुसपैठ की कोशिशें कम नहीं हुई हैं. उन्होंन आगे कहा “हम सतर्क हैं, हम घुसपैठ नहीं होने देंगे.”
परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में भारत का कद बढ़ने की संभावना
पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी साल 2018 में 20 जनवरी को ट्वीट कर कहा था कि परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में भारत का कद बढ़ने की संभावना है और इससे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी हासिल करने में मदद मिल सकती है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया था, ‘‘मैं ऑस्ट्रेलिया और निर्यात नियंत्रण से जुड़े ऑस्ट्रेलिया समूह के अन्य सदस्य देशों को इसमें भारत के प्रवेश में समर्थन देने के लिए धन्यवाद देता हूं.’’ उन्होंने कहा था कि पिछले दो साल में एमटीसीआर, वासेनार समझौता और ऑस्ट्रेलिया समूह में भारत की सदस्यता से एक बार फिर ‘परमाणु अप्रसार को लेकर हमारी साख और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा को लेकर हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई है.’