No one listens at the party, I think I should go to Dwarka: Tej Pratap
क्या आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के दोनों बेटों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. आज बिहार के सियासी गलियारों में ये सवाल हर किसी की जुबां पर है और ये सवाल तेज प्रताप यादव के एक बयान के बाद उठा है…जी हां…एक बयान जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी के भीतर उनकी आवाज अनसुनी की जा रही है…इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेता दोनों भाइयों के बीच दरार डालने की भी कोशिश कर रहे हैं.
बिहार में आरजेडी प्रमुख लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताज के एक ट्वीट से बवाल मच गया है. पार्टी में बड़ी फूट के संकेत मिल रहे हैं. शनिवार शाम तेजप्रताप ने पार्टी के बड़े नेताओं पर कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पार्टी में मेरी कोई नहीं सुनता. सोचता हूं कि द्वारिका चला जाऊं.
तेजस्वी ने राजनीति से सन्यास लेने का संकेत देते हुए कहा, “हमें पार्टी से सभी असामाजिक तत्वों को दूर करना होगा. राजेंद्र पासवान जैसे नेता हमारे लिए बहुत संघर्ष कर रहे हैं. लालूजी, राबड़ीजी और तेजस्वी से मेरे कहने के बाद ही उसे पद मिला. इसमें इतनी देरी क्यों हुई?
उन्होंने आगे कहा, “पार्टी के लोग मेरा फोन नहीं उठाते और उनसे ऐसा करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है. मेरे और भाई (तेजस्वी) के बीच कोई मतभेद नहीं है. हमें हमारे बीच मतभेद पैदा करने वाले लोगों को हटाना होगा. मैं चाहता हूं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता उनकी पहचान करें और उन्हें जल्द ही पार्टी से बाहर करें.”
हालांकि अपने छोटे भाई तेजस्वी के साथ मतभेद होने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है. इतना ही नहीं, उन्होंने एक वीडियो ट्वीट कर अपने विरोधियों पर निशाना साधा. उधर, इस मसले पर तेजस्वी यादव की ओर से कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है.