पेट्रोल, डीजल के दाम दिन-ब-दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं. सरकार ने फिलहाल एक्साइज ड्यूटी घटाने की संभावनाओं को सिरे से नकार दिया है. अगर कीमतें ऐसी ही बढ़ती रहीं तो इसका असर अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम उपभोक्ता पर भी पड़ेगा.
पेट्रोल की कीमतें 2013 के बाद अपने उच्चतम स्तर पहुंच गया है. दिल्ली में यह 74.63 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई हैं. कोलकाता में 77.63 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 82.48 रुपए प्रति लीटर है.
वहीं, डीजल का भाव अब तक सबसे ऊंचा भाव है. मंगलवार को डीजल दिल्ली में 65.93 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में 68.63 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 70.20 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है. आम आदमी पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की मांग तेज हो गई है.
सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियां पिछले साल जून से रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतें संशोधित कर रही हैं. सोमवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें 10-10 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दी गई.
इससे पहले रविवार को पेट्रोल-डीजल में 19-19 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी. शनिवार को पेट्रोल में 13 पैसे और डीजल में 15 की बढ़ोतरी की गई थी. तीन दिन में पेट्रोल 42 पैसे और डीजल 44 पैसे महंगा हो चुका है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 75 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है. इसकी वजह से पेट्रोल, डीजल के दाम में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. पिछले 10 महीने के अंदर पेट्रोल के दाम में 11 रुपए 57 पैसे की बढ़ोतरी हो चुकी है, जबकि डीजल के दाम 12 रुपये 57 पैसे बढ़ चुके हैं.
बढ़ सकते हैं सामानों के दाम, किराया में हो सकती है बढ़ोत्तरी
फिलहाल उपभोक्ता को इसका सीधा असर सिर्फ पेट्रोल, डीजल भरवाने पर दिखाई पड़ रहा है. लेकिन जल्दी ही माल भाड़े पर भी इसका असर पड़ना शुरू हो जाएगा. माल भाड़ा बढ़ने से फल, सब्जियां, दाल समेत अन्य सामान के दामों पर असर पड़ेगा.
साथ ही पब्लिक ट्रासंपोर्ट जैसे ट्रेन और बसों का किराया भी बढ़ सकता है. हवाई यात्रा भी महंगी महंगी हो सकती है. इतना ही नहीं व्यापार घाटा बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
पेट्रोल की बात करें तो देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल के दाम सबसे ज्यादा हैं. यहां कीमतें 82.35 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुकी हैं. वहीं, डीजल के मामले में चेन्नई सबसे महंगा है. यहां डीजल की कीमतें 71.33 रुपए प्रति लीटर पहुंच चुकी हैं.