Friday, April 4, 2025
featuredअर्थशास्त्रदेशमहाराष्ट्र

गीता, कुरान और बाइबल पर भी अब लगेगा टैक्स

SI News Today

Now people have to pay taxes on Gita, Kuran and the Bible.

       

चाहे गीता हो या कुरान हो या फिर हो बाइबल किसी भी अध्यात्मिक ज्ञान के लिए टैक्स मुक्त होना जरूरी नही है। दरअसल महाराष्ट्र में जीएसटी कोर्ट ने फैसला दिया है कि अब धार्मिक ग्रंथ, धार्मिक मैगजीन और डीवीडी के साथ-साथ धर्मशाला और लंगर में भी लगेंगे जीएसटी। जी हां कोर्ट का मानना है कि इन वस्तुओं की बिक्री भी एक कारोबार है और इन्हें खैरात की तरह टैक्स से मुक्त नहीं किया जा सकता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि महाराष्ट्र की कोर्ट के पास यह टैक्स संबंधी मामला श्रीमद राजचंद्र आध्यात्मिक सत्संग साधना केन्द्र के खिलाफ आया था। जिसके बाद कोर्ट के सामने संस्था ने दलील दी कि उसका प्रमुख काम धार्मिक व आध्यात्मिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना है जिसकी वजह से उसके काम को कारोबार का नाम नही देना चाहिए।

गौरतलब है कि सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 2(17) के अंतर्गत यदि धर्म से जुड़े ट्रस्ट ऐसे किसी काम का सहारा लेते हैं जहां किसी वस्तु अथवा सेवा के लिए पैसा लिया जाता है तो उसे कारोबार की श्रेणी ने रखा जाएगा और उसपर 18 फीसदी की दर से जीएसटी की भी वसूली की जाएगी।

वहीं अपनी दलील के साथ संस्था ने दावा किया कि धार्मिक प्रचार-प्रसार के लिए अपने प्रमुख दायित्व को निभाने में वह धार्मिक ग्रंथ, म्यूजिक सीडी, मैगजीन सहित धर्मशाला और लंगर लगाने के काम को करता है। इसलिए ही उसपर जीएसटी नही लगाना चाहिए। जिसके बाद महाराष्ट्र की जीएसटी कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि शिबिर सत्संग धर्मार्थ संस्था के तौर पर इनकम टैक्स के सेक्शन 12 ए के अंतर्गत धर्मार्थ कामों को जीएसटी के दायरे से बाहर नहीं किया जा सकता है।

गौरतलब है कि ऐसी स्थिति में साफ है कि महाराष्ट्र के इस फैसले के बाद यदि कोई धार्मिक संस्था अथवा ट्रस्ट धार्मिक ग्रंथों की बिक्री करती है तो उसपर जीएसटी लगेगी। हालांकि इस एक्ट के अंतर्गत यह भी है कि यदि कोई संस्था ग्रंथ, किताब या मैगजीन को किसी पब्लिक लाइब्रेरी में लोगों के लिए रखती है तो उसपर जीएसटी नही लगाई जाएगी।

SI News Today

Leave a Reply