Once again India is ready to burn in the SC / ST Act Furnace
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संशोधित एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्णों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। सपाक्स समाज (मध्य प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों का संगठन) और करणी सेना इस भारत बंद के सिप्पेसालार बने हैं उन्होंने ही आज सवर्ण समाज के “भारत बंद” का आह्लान किया है। पिछले बार के भारत बंद से सीख लेते हुए देश भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। खास तौर पर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सुरक्षा इंतजाम बहुत ही कड़े कर दिए गए हैं। मध्य प्रदेश में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है और भिंड़, ग्वालियर, छतरपुर, रीवा, शिवपुरी, श्योपुर समेत 10 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों से कैबिनेट बैठक में कहा कि बंद को लेकर कोई भी हिंसा न हो, इस पर नजर रखें।
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करणी सेना एक कदम आगे निकलते हुए ग्वालियर में रैली की और सीएम शिवराज के मुंह पर कालिख पोतने की धमकी दे डाली है। साधुओं का वेश धारण किये हुए कुछ राजनैतिक मंशा प्राप्त करने के लिए रैली का आयोजन देवकी नंदन ठाकुर जैसे कथा वाचक ने किया था।
करणी सेना की भारत बंद का प्रभाव मध्य प्रदेश से आगे राजस्थान और छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश में भी भाजपा प्रसाशित प्रदेश सरकारों की परेशानी बढ़ा सकती है, क्योंकि राजस्थान में इस संगठन का बड़ा प्रभाव है। उच्चतम न्यायालय के आदेश को पटलने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एससी/एसटी कानून में संशोधन के खिलाफ सवर्ण संगठनों द्वारा ‘भारत बंद’ के चलते मध्यप्रदेश के सभी पेट्रोल पम्प मालिकों ने अपने प्रतिष्ठान बंद करने फैसला किया है।
मध्यप्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) मकरंद देउस्कर ने बताया कि आज के भारत बंद के मद्देनज़र अधिकांश जिलों में प्रशासन द्वारा धारा 144 से लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) की 34 कंपनियां प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात की गयी हैं। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर सभी राजनैतिक पार्टियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ओबीसी समाज ने किसी बन्द का समर्थन नही किया है।