कौशाम्बी: देश की सियासत में डॉ भीमराव आंबेडकर के नाम के साथ रामजी क्या जुड़ा लोगों ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र की तरह ही डॉ आंबेडकर के जीवन को कथाओं की तरह सुनने और सुनाने लगे हैं. आंबेडकर के जीवन मूल्यों को कथा के जरिए जनता के बीच पहुंचाती एक खबर कौशाम्बी जिले से आई है. यहां लोगों ने उनकी जयंती पर आरती और कथा के माध्यम से उनको याद किया और उनके बारे में जाना. रिपोर्ट के मुताबिक कौशाम्बी जिले के मेवहरा गांव में आंबेडकर जयंती पर आंबेडकर कथा का आयोजन किया गया.
आंबेडकर की 127वीं जयंती
इस गांव के प्रधान राम आसरे दिवाकर ने आंबेडकर की 127वीं जयंती को बेहद अनोखे अंदाज में मनाया. उन्होंने गांव के दर्जनों महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को इकठ्ठा कर आंबेडकर कथा का आयोजन किया. आंबेडकर कथा में दो महंत अन्नू महाराज और अमित महाराज को बुलाया गया जो गांव-गांव जाकर आंबेडकर के नाम की अलख लोगों में जगाएंगे.
कथा से पहले आंबेडकर प्रतिमा की आरती की गई
कथा का आयोजन करने से पहले अन्नू महाराज और अमित महाराज ने डॉ आंबेडकर की 11 फिट ऊंची प्रतिमा के सामने आंबेडकर आरती करवाई. आंबेडकर आरती में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. आरती कार्यक्रम के बाद ग्रामीणों ने पूरे भाव के साथ राम कथा की तरह ही आंबेडकर की कथा सुनी. इस कथा में अन्नू महाराज ने डॉ भीमराव आंबेडकर के मूल मंत्र ‘शिक्षित बनो और संगठित बनो’ को अपनी कथा के माध्यम से सरल शब्दों में समझाया. अन्नू महाराज के मुताबिक, कथा एक ऐसा माध्यम होता है जिसमें हर शिक्षित और अशिक्षित व्यक्ति कथा के भाव को समझ सकता है.
शिक्षा का संदेश जन-जन तक लेकर जाने का लक्ष्य
आंबेडकर कथा में शामिल होने वाले ग्राम प्रधान राम आसरे दिवाकर और गांव के अन्य युवाओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद आंबेडकर के जीवन चरित्र को अपनी जिंदगी में आत्मसात करने की बात कही. कथा सुनने वालों ने कहा कि आंबेडकर ने हर दलित, शोषित और पिछड़े समाज को शिक्षित करने का मूलमंत्र दिया था, जिसको वे अब जन-जन तक पहुंचाएंगे.