मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले पर कांग्रेस द्वारा सरकार पर हमला उल्टा पड़ेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस समय कांग्रेस सत्ता में थी उसने पूरी बैंकिंग प्रणाली को नष्ट कर दिया था. भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस इस बात को लेकर हताश है कि उसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के मौजूदा कार्यकाल में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने का मौका नहीं मिल रहा है.
कांग्रेस को इस घोटाले पर बोलने का हक नहीं : जावड़ेकर
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पीएनबी घोटाला 2017 में मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ. वहीं जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस को इस घोटाले पर बोलने का हक नहीं है क्योंकि इसकी शुरुआत 2011 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में हुई थी. मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का सरकार पर यह हमला पार्टी पर ही उल्टा पड़ेगा. जावड़ेकर ने कहा कि करोड़ों रुपये का यह घोटाला इसलिए सामने आया क्योकि राजग सरकार बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता लाने का प्रयास कर रही है. बैंकों को पूंजी उपलब्ध करा रही है और उनमें खुलापन ला रही है.
पीएनबी घोटाला मामले में भाजपा का कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप
बीजेपी ने करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में शनिवार को कांग्रेस पर हमला बोला. भाजपा ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घोटाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ था. इधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पीएनबी ने नीरव मोदी के साथ गारंटीपत्र जारी करने का समझौता मोदी सरकार के कार्यकाल में 2017 किया गया.
भाजपा ने कांग्रेस को जवाब देने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को सामने किया है. निर्मला ने कांग्रेस के आरोपों का प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि भले ही नीरव मोदी देश से भागने में सफल रहा हो पर सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम घोटालेबाजों को देश से भागने में मदद नहीं कर रहे हैं बल्कि भाजपा सरकार उन्हें पकड़ रही है.’’
सीतारमण ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी ही थे जिन्होंने नीरव मोदी के एक प्रचार कार्यक्रम में शिरकत की थी. उन्होंने एक वाकये का भी जिक्र किया जिसके अनुसार इलाहाबाद बैंक के एक सरकारी निदेशक ने गीताजंलि जेम्स के वित्तीय पुनर्गठन पर 2013 में सवाल उठाया था. उन्होंने कहा कि इसके बाद उस अधिकारी की बातों को रिकॉर्ड में शामिल किये जाने के बजाय उन्हें इस्तीफा देने को कह दिया गया.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 143 गारंटीपत्रों को लेकर नयी प्राथमिकी दर्ज की है. इस प्राथमिकी के अनुसार, 4,866 करोड़ रुपये के ये गारंटीपत्र मेहुल चौकसी की तीन कंपनियों गीताजंलि जेम्स, नक्षत्र और गिली को 2017-18 के दौरान जारी किये गये थे. चौकसी, नीरव मोदी का रिश्तेदार है तथा 11,400 करोड़ रुपये के इस घोटाले में सह आरोपी है. एजेंसी ने इससे पहले 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित एक अलग मामला दर्ज किया था जो कि अब बढ़ता हुआ 6,498 करोड़ रुपये की गारंटीपत्र धोखाधड़ी में पहुंच चुका है.
गारंटी पत्र एक प्रकार का आश्वासन पत्र होता है जो कि किसी एक बैंक द्वारा दूसरे बैंकों को जारी किया जाता है. इसके आधार पर बैंकों की विदेशी शाखाओं से खरीदार को रिण की पेशकश की जाती है.