गोरखपुर-फूलपुर सीट हारने के बाद बीजेपी ने हार पर मंथन शुरू कर दिया है. गोरखपुर में 27 साल बाद बीजेपी का किला ध्वस्त हो गया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सभी कार्यक्रम रद कर दिए हैं. जल्द ही वह हार के कारणों पर चर्चा करने के लिए बैठक करने वाले हैं. योगी आदित्यनाथ ने खुद स्वीकार किया है उन्हें अप्रत्याशित हार मिली है. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र दत्त शुक्ला को हराने वाले प्रवीण निषाद के पिता का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि यह योगी आदित्यनाथ की हार नहीं है.
जीत के बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष और सपा प्रत्याशी प्रवीण के पिता संजय निषाद ने कहा, “यह न ही योगी आदित्यनाथ की हार है और ना ही गोरखनाथ मठ की. हम सब गोरखनाथ मठ और नाथ संप्रदाय के संस्थापक मछेन्दर नाथ का सम्मान करते हैं. मेरा मानना है कि जनता ने बीजेपी की नोटबंदी और जीएसटी की नीतियों के खिलाफ मतदान किया.” उन्होंने कहा कि यह हार केन्द्र की नरेंद्र मोदी की पराजय और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में किए गए विकास कार्यों और उनकी अच्छी नीतियों की जीत है.
उधर, पेशे से इंजीनियर प्रवीण निषाद ने जीत के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह जीत सभी कार्यकर्ताओं की है. हर वर्ग बीजेपी के कुशासन से परेशान था इसलिए उसने परिवर्तन का मन बना लिया था. गोरखपुर सीट पर सपा के प्रवीण निषाद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21 हजार 881 मतों से हराया. निषाद को चार लाख 56 हजार 513 वोट मिले जबकि बीजेपी उम्मीदवार को चार लाख 34 हजार 632 मत प्राप्त हुए. कांग्रेस की सुरहिता करीम को 18 हजार 844 वोट मिले. गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में जीत के साथ ही लोकसभा में सपा सांसदों की संख्या बढ़कर सात हो गई है.
सपा को मिला कई दलों का समर्थन
बसपा के साथ हुआ तालमेल और राष्ट्रीय लोकदल, निषाद पार्टी तथा पीस पार्टी समेत कई दलों से मिला समर्थन सपा के लिए फायदे का सौदा साबित हुआ. इन परिणामों ने बीजेपी को इस गठजोड़ के नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है.
योगी बोले – अति आत्मविश्वास के कारण हारे
उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि जब इन दोनों सीटों के उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित हुए थे, तब सपा, बसपा और कांग्रेस समेत सभी अलग-अलग थे, लेकिन चुनाव के बीच में सपा-बसपा के बीच जो आपसी सौदेबाजी और बेमेल गठबंधन हुआ उसको समझने में कहीं ना कहीं कमी रही और अति आत्मविश्वास उसका कारण है. हम इसकी समीक्षा जरूर करेंगे.
फूलपुर के पूर्व सांसद और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद नहीं थी कि बसपा का वोट इस तरह से सपा की तरफ ट्रांसफर हो जाएगा. हम विश्लेषण करेंगे और हम ऐसी परिस्थितियों के लिए भी तैयारी करेंगे, जबकि सपा-बसपा और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ सकते हैं.’’
यह योगी सरकार के खिलाफ जनादेश है: अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा कि उपचुनाव परिणाम केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ ‘जनादेश‘ है. गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी का क्षेत्र हैं जबकि फूलपुर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का क्षेत्र है. अगर उन क्षेत्रों की जनता में इतनी नाराजगी है तो सोचिये आने वाले समय में देश के चुनाव में क्या होगा.